मुख्यपृष्ठनए समाचारचुनाव ड्यूटी के दौरान शहीद हुए थे बीएसएफ जवान अंगपाल

चुनाव ड्यूटी के दौरान शहीद हुए थे बीएसएफ जवान अंगपाल

रमेश सर्राफ धमोरा
झुंझुनू। असम के गुवाहाटी में चुनाव ड्यूटी के दौरान हृदय गति रुकने से शहीद हुए झुंझुनू जिले के जवान का शनिवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। जवान का 19 साल के दिव्यांग बेटे को चिता के पास लाया गया। तिरंगे में लिपटे पिता पर फूल माला चढ़ाने के बाद बेटा हाथ जोड़ फूट-फूटकर रो पड़ा।

जिले के पिलानी क्षेत्र के बनगोठड़ी गांव के जवान अंगपाल जांगिड़ (40) सीमा सुरक्षा बल में 162 बटालियन में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर कार्यरत थे। वे छत्तीसगढ़ में पदस्थ थे। असम के गुवाहाटी में उनकी चुनाव ड्यूटी थी। चुनाव ड्यूटी के दौरान शुक्रवार को हृदय गति रुक जाने से उनका निधन हुआ था। पार्थिव शरीर शनिवार सुबह बीएसएफ की 162वीं बटालियन की टुकड़ी पिलानी लेकर पहुंची। तिरंगा यात्रा के साथ शव को बनगोठड़ी गांव लाया गया। तिरंगे में लिपटा शव घर पहुंचा तो मां और पत्नी सुमन (38) बेसुध हो गईं। जवान के दिव्यांग बेटे आशीष (19) और बेटी मीतल (16) पिता से लिपट कर रो पड़े।
बनगोठड़ी गांव के मुक्ति धाम में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। जवान के बेटे ने मुखाग्नि दी। सीमा सुरक्षा बल की टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस दौरान वहां मौजूद ग्रामवासी देर तक देशभक्ति के नारे लगाते रहे। क्षेत्रीय विधायक पितराम सिंह काला ने भी श्रद्धांजलि दी। अंतिम संस्कार में पिलानी चेयरमैन हीरालाल नायक, ताराचंद पीटीआई हमीनपुर, गोरक्षक कुलदीप आर्य, राजवीर मास्टर, सरपंच राजीव मेघवाल, समी, आकाश नायक, मीर सिंह फौजी, सूरत सिंह धनखड़, सूरजभान पूनिया, सुरेश जांगिड़, इंद्र पूनिया, रणवीर नायक व अन्य ग्रामवासी शामिल हुए।

अंगपाल जांगिड़ बीएसएफ की 162वीं बटालियन में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर कार्यरत थे। वे छत्तीसगढ़ में पदस्थ थे। उन्होंने 1998 में फोर्स जॉइन की थी। अंगपाल के पिता नंदलाल भी बीएसएफ में हवलदार के पद से रिटायर्ड हैं। अंगपाल के निधन से पूरा परिवार सदमे में है।

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