उत्तर प्रदेश से
रोहित माहेश्वरी
यूपी विधानसभा में १८ फरवरी से बजट सत्र शुरू हो गया है। इस दौरान समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने जोरदार प्रदर्शन किया। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी समाजवादी पार्टी के सदस्य हंगामा करते रहे और लगातार नारेबाजी करते रहे। बजट सत्र की शुरुआत होने से पहले सपा के सदस्यों ने प्रदर्शन की तैयारी कर रखी थी। सदन १८ फरवरी से ५ मार्च तक प्रस्तावित किया गया है। सत्र की शुरुआत में जिस तरह समाजवादी पार्टी ने तीखे तेवर दिखाए हैं, उससे ये बात साफ हो गई है कि सत्र हंगामेदार होगा। सपा विधायक सरकार को सदन में घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगे। अब यह देखना अहम होगा कि सरकार वैâसे अपना बचाव करती है।
बसपा में सब ठीक नहीं चल रहा
बसपा में इन दिनों सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाकर सबको हैरान कर दिया तो वहीं १६ फरवरी को उन्होंने एक के बाद एक ऐसे ट्वीट किए, जिसके बाद पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं होने कयास लगने तेज हो गए हैं। मायावती ने अपने ट्वीट में बसपा के संस्थापक कांशीराम का जिक्र किया और स्वार्थ, रिश्ते नातों से परे बहुजन समाज के हित को प्राथमिकता देते हुए कहा कि पार्टी का उत्तराधिकारी वही बनेगा तो उनकी तरह पार्टी के हर मूवमेंट को हर दुख तकलीफ से उठाकर उसे आगे बढ़ाने का काम पूरे जी-जान से करेगा। उनके ये ट्वीट इसलिए अहम हो जाते हैं क्योंकि मायावती पहले ही आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी बता चुकी है तो फिर अब ये बात कहना एक नई चर्चा को जन्म दे रहा है। इन ट्वीट के बाद दबी जुबान में पार्टी के अंदर आकाश आनंद की भूमिका को लेकर संदेह गहराने लगा है। कुछ सियासी जानकारों का मानना है कि हो सकता है कि बसपा में नई पीढ़ी ज्यादा मजबूत होने लगी थी, जो मायावती के निर्देशों की भी अनदेखी कर रही थी? ऐसे में आने वाले दिनों में बसपा में और भी कई बड़े बदलाव हो सकते हैं।
सीपीसीबी की रिपोर्ट ने खोल दी पोल
प्रयागराज महाकुंभ में इस बार करोड़ों श्रद्धालु गंगा और यमुना के संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अब तक ५५ करोड़ से अधिक श्रद्धालु इस महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं। लेकिन इस बीच एक चौंकानेवाली रिपोर्ट सामने आई है, जो गंगा और यमुना के जल की गुणवत्ता को लेकर चिंता बढ़ा रही है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) ने हाल ही में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल की है। यह रिपोर्ट १७ फरवरी को प्रस्तुत की गई थी, जिसमें प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी के जल की गुणवत्ता का विश्लेषण किया गया है। इस अध्ययन के लिए सीपीसीबी ने ९ से २१ जनवरी के बीच कुल ७३ अलग-अलग स्थानों से जल के सैंपल लिए और उनकी जांच की। रिपोर्ट के अनुसार, संगम क्षेत्र में गंगा और यमुना का पानी नहाने लायक नहीं है। प्रदेश सरकार जहां नदियों की साफ-सफाई की बात कर रही है, वहीं रिपोर्ट उसके दावों की पोल खोलने के लिये काफी है। रिपोर्ट से न सिर्फ श्रद्धालुओं को बल्कि पर्यावरणविदों और प्रशासन को भी चिंता में डाल दिया है।