मुख्यपृष्ठनए समाचारबजट विशेष : करदाताओं का खून चूस रही है मोदी सरकार ... १७...

बजट विशेष : करदाताओं का खून चूस रही है मोदी सरकार … १७ हजार करोड़ की राहत देकर ले लिए ४ लाख करोड़

– जो बचा है संभालकर रखो, जेब से ले लेगी मोदी सरकार
सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्र की मोदी सरकार ने देश का बंटाधार कर दिया है। करदाताओं की जेब से सिर्फ पैसे लूटने का काम कर रही है। जनता पर अलग-अलग तरह से टैक्स का बोझ बढ़ाए जा रही है, जबकि देने के नाम पर रोना शुरू है। दूसरी तरफ देश पर कर्ज भी बढ़ता जा रहा है। वित्त विशेषज्ञ दिनेश वोरा की माने तो यह मोदी सरकार करदाताओं का खून चूस रही है। इस बजट में मोदी सरकार ने करदाताओं को कुछ दिया नहीं, बल्कि जो कुछ उनके पास था वो भी छीन लिया है। भाजपा नेतृत्ववाली एनडीए सरकार में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट में लोगों को टैक्स में राहत देते हुए रोना रो रही थीं कि इससे सरकार को १७.५ हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा, जबकि ४७ लाख करोड़ के बजट में इन्हीं लोगों की जेब से ४ लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त जमा किया गया है। वोरा ने अपने वीडियो में कहा कि यह सरकार लोगों से लेते ही जा रही है और देने का नाम नहीं ले रही है। केंद्र सरकार के बजट की पोल खोलते हुए उन्होंने तमाम विभागों में बजट में कटौती किए जाने का खुलासा किया।

रेवेन्यू विभाग के अधिकारी रहे वोरा ने बताया कि बजट से एक दिन पहले सर्वेक्षण रिपोर्ट में सरकार ने स्वीकार किया है कि खाद्य सामग्री महंगी हुई है। देश में महंगाई चरम पर है। इतना ही नहीं, ७५ साल में पहली बार देश में लोगों की बचत का आंकड़ा ०.५ प्रतिशत आया है। साथ ही यह भी माना है कि सरकार जीएसटी का आंकड़ा आम नहीं कर सकती है क्योंकि इससे सरकार की छवि खराब हो रही है। लोगों पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है और देश में बेरोजगारी दर ६.७ प्रतिशत है, मतलब ११ करोड़ से ज्यादा लोग बेरोजगार हैं। लोगों ने अस्पताल के खर्चे खुद उठाए हैं। सवा लाख करोड़ रुपए लोगों ने अस्पतालों में इलाज के लिए खर्च किया है।

कर्ज चुकाने के लिए कर्ज
वोरा ने बताया कि केंद्र सरकार ने लाखों करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। इस कर्ज को चुकाने के लिए हर साल ११.७५ लाख करोड़ रुपए सिर्फ ब्याज चुकाती है। सरकार ने इतना फिजूल खर्र्च किया है कि उसके पास ब्याज चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं। सरकार फिर से १६ लाख करोड़ रुपए कर्ज लेकर यह ब्याज अदा करने की तैयारी में है। जबकि करदाताओं से जमकर वसूले गए हैं। पहली बार पर्सनल करदाताओं ने इंडस्ट्रीयल करदाता से अधिक कर दिया है। पर्सनल करदाताओं से ११.८७ लाख करोड़ जमा हुआ है, जबकि पिछले साल १० लाख करोड़ रुपए था।
किसानों और गरीब बच्चों के पेट पर वार
वोरा ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों और गरीब बच्चों के पेट पर हमला किया है। भले ही किसानों को सम्मान निधि के ६ हजार करोड़ रुपए दे रही है लेकिन उनके खाद अनुदान से २५ हजार करोड़ रुपए की एक झटके में कटौती कर दिया है। खाद्य सब्सिडी में भी ७ हजार करोड़ की कटौती की है। समग्र शिक्षा अभियान में भी बड़े पैमाने पर कटौती की है। इससे बच्चों के मिड डे मील पर बुरा असर पड़ेगा। हाउसिंग योजना में भी ३० हजार करोड़ की कटौती की है। स्मार्ट सिटी योजना और मनरेगा में ८६ हजार करोड़ की भारी कटौती की गई है। किसान के फसल इंश्योरेंस में भी १५ हजार करोड़ की कटौती की गई है। गरीब बच्चों के लिए पोषण आहार योजना में तो हद कर दी, दो साल पहले ८६ हजार करोड़ था, पिछले साल ६० हजार किया और अब ४६ हजार करोड़ रुपए आवंटित किया है।

अन्य समाचार