मुख्यपृष्ठनए समाचारशहाड रेलवे परिसर में बने रास्ते की हुई मरम्मत

शहाड रेलवे परिसर में बने रास्ते की हुई मरम्मत

-कल्याण स्टेशन के प्लेटफॉर्म से हटाया गया मलबा  

-रास्ते में पानी जमा होने से यात्रियों को होती थी परेशानी  

-मलबे को हटाने के बाद यात्रियों ने ली चैन की सांस

अनिल मिश्रा / उल्हासनगर

एक बार फिर ‘दोपहर का सामना’ की खबर का तत्काल असर देखने को मिला है। खबर छपने के बाद रेलवे ने आनन-फानन में काम करके यात्रियों को राहत देने का काम किया है। कल्याण के आगे स्थित शहाड-पूर्व रेलवे स्टेशन परिसर के बाहर बने रास्ते की मरम्मत का काम किया गया, साथ ही कल्याण के प्लेटफॉर्म ६-७ से कई दिनों से पड़ा मलबा भी हटा दिया गया। इस काम के पूरा होने के बाद यात्रियों ने चैन की सांस ली।
रास्ते पर होता था पानी जमा
बता दें कि १२ जून को ‘दोपहर का सामना’ में ‘पानी जमा होने से हो रही असुविधा’ शीर्षक से एक खबर छपी थी, जिसमें शहाड-पूर्व रेलवे स्टेशन के बाहर बने रास्ते पर पानी जमा होने से हो रही असुविधा पर प्रकाश डाला गया था। खबर में लिखा था कि इस रास्ते से हर दिन हजारों यात्री आते- जाते हैं, लेकिन यहां पानी जमा होने के कारण यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, साथ ही गंदा पानी जमा होने की वजह से बीमारी पैâलने का भी खतरा बना हुआ है। खबर छपने के तीन दिन बाद ही रेलवे ने रास्ते की मरम्मत का काम करा दिया। अब यात्रियों को होने वाली समस्या से निजात मिल गई है।
एक महीने से पड़ा था मलबा
वहीं कल्याण रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर ६-७ और २-३ पर फूड स्टॉल को तोड़कर मलबा वहीं छोड़ दिया गया था। महीनाभर बीत जाने के बावजूद इस मलबे को रेलवे नहीं हटा रही थी। उक्त दोनों प्लेटफॉर्म पर जब यात्रियों की भीड़ जम हो जाती थी तो उन्हें खड़े होने में दिक्कत होती थी, साथ ही भीड़ के कारण असंतुलित होकर गिरने से उनके घायल होने का डर भी बना था। ‘दोपहर का सामना’ ने इस खबर को ८ जून को ‘कब हटेगा स्टॉल का मलबा’ शीर्षक से प्रमुखता से छापा था। इसके बाद रेलवे चेती और उसने प्लेटफॉर्म नंबर ६-७ से मलबा हटा दिया।
आम लोगों से जुड़ा ‘सामना’
बता दें कि आम लोगों से जुड़ी समस्याओं को देखते हुए ‘दोपहर का सामना’ में संपादक के नाम पत्र, सिटीजन रिपोर्टर और पाती कॉलम में हर दिन आमजन से जुड़ी खबरें छपती हैं। यहां छपनेवाली खबरों का असर है कि उस पर तत्काल कार्रवाई होती है। यही कारण है कि ‘दोपहर का सामना’ को आम लोगों का पेपर कहा जाता है।

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