मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
भारत-नेपाल सीमा से सटे अतिसंवेदनशील कुशीनगर जिले में सरकारी जमीन पर बने हिस्से में 26 साल पुरानी मदनी मस्जिद को तोड़ा गया। मस्जिद को गिराने के लिए 6 बुलडोजर लगाए गये थे। सुरक्षा के लिए 10 थानों की पुलिस और पीएसी की एक बटालियन तैनात की गई थी। प्रशासन ने पहले मस्जिद के चारों ओर बैरिकेड्स लगवाया और 500 मीटर का इलाका सील कर दिया गया है। यह कार्रवाई सुबह 10 बजे से शुरू होकर शाम तक चला, चूंकि मस्जिद की इंतजामिया कमेटी के पास शनिवार तक कोर्ट का स्टे था। 8 फरवरी को स्टे खत्म हो गया था। इसलिए प्रशासन ने 9 फरवरी को कार्रवाई शुरू कर दिया।
यह मस्जिद 1999 में सरकारी जमीन पर बनाई गई थी। उस समय सिर्फ दो मंजिला इमारत बनाने की अनुमति दी गई थी। इसके विपरीत इसके प्रबंधन में शामिल लोग मस्जिद में तीन मंजिल और भूतल का निर्माण कर दिया गया। 1999 में ही एक हिंदू नेता ने इस अवैध निर्माण की शिकायत की थी, लेकिन तब कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद 18 दिसंबर 2023 को मस्जिद के निर्माण की जांच शुरू की गई।
जांच के बाद 23 दिसंबर 2023 को नगर निगम ने मस्जिद के प्रबंधन को तीन नोटिस भेजे, लेकिन कोई दस्तावेज पेश नहीं किए गए। इसके बाद इसे अवैध निर्माण मानते हुए इसे तोड़ने का आदेश दिया गया। मस्जिद के प्रबंधकों ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जहां 8 फरवरी तक स्टे ऑर्डर मिला था। जैसे ही स्टे खत्म हुआ, वैसे ही प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी।