सामना संवाददाता / मुंबई
बुलेट ट्रेन परियोजना अब सफेद हाथी साबित हो रही है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना में लगातार देरी हो रही है, जिससे लागत अब बढ़कर १.१ लाख करोड़ रुपए हो गई है। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले महीने जापान का दौरा किया था, ताकि बढ़ती लागत और अन्य देरी से जुड़े मुद्दों को सुलझाया जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस परियोजना की घोषणा के कई वर्षों बाद २०२० में इसका निर्माण शुरू हुआ। जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) इस हाई-स्पीड रेल लाइन के निर्माण को वित्तीय सहायता दे रही है।
बता दें कि देश की महत्वाकांक्षी मुंबई-अमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना २०२२ तक ही पूरा होना थी पर विभिन्न कारणों से इसमें देरी हो रही है। अब इस परियोजना को २०२८ तक पूरा करने की बात हो रही है। इस प्रोजेक्ट में हो रही देरी पर पूछे जाने पर एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रोजेक्ट में कई कारणों से देरी हुई है, जिसमें टेंडर की तारीख से लेकर जमीन अधिग्रहण से जुड़े मामले शामिल हैं। बीकेसी स्टेशन के लिए टेंडर ही २०२३ को जारी किया गया। अब इसे सितंबर २०२७ तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अनुमान है कि मुंबई में बीकेसी स्टेशन साल २०२७ तक बनकर तैयार हो जाएगा। ‘बुलेट’ प्रोजेक्ट अधिकारियों के अनुसार, हमारी पूरी कोशिश है कि हम अब परियोजना को तय किए गए समय से पहले ही पूरा करें। बीकेसी टर्मिनल का निर्माण एमईआईएल-एसीसी की ओर से किया जा रहा है, जो मेघा इंजीनियरिंग एंड इंप्रâास्ट्रक्चर और हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी का संयुक्त उद्यम है। परियोजना के तहत १२ स्टेशन होंगे, जिनमें ८ गुजरात व ४ महाराष्ट्र में हैं। बुलेट ट्रेन की गति ३२० किमी / घंटा होगी और यह मुंबई-अमदाबाद की दूरी २ घंटे ७ मिनट में तय करेगी।