सामना संवाददाता / मुंबई
नई मुंबई नगर परिवहन (एनएमएमटी) ने आठ महीने के इंतजार के बाद आखिरकार अटल सेतु के जरिए मुंबई और नई मुंबई के बीच चलने वाली एसी बस सेवाओं के किराए में ५० प्रतिशत से ज्यादा की कटौती कर दी है। लेकिन सवाल यह है कि जनता को राहत देने में इतनी देर क्यों की गई। अब खारघर से मंत्रालय के लिए किराया रुपए २७० से घटाकर रुपए १२० और नेरुल से मंत्रालय के लिए रुपए २३० से घटाकर रुपए १०५ कर दिया गया है। हालांकि, यह पैâसला काफी देर से आया, जब एनएमएमटी की बसें लगभग खाली चल रही थीं।
एनएमएमटी के मुताबिक, किराया घटाने के बाद यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। रूट ११६ पर यात्रियों की संख्या २० से बढ़कर ६० और रूट ११७ पर २०–२५ से बढ़कर लगभग ७० तक पहुंच गई है। लेकिन सवाल यह है कि जब शुरुआत से ही किराया आम जनता की पहुंच से बाहर था, तो एनएमएमटी ने इसे सुधारने में इतना समय क्यों लगाया? सितंबर २०२३ में गणेशोत्सव के दौरान शुरू हुई इन बस सेवाओं को अटल सेतु के माध्यम से मुंबई-नई मुंबई को जोड़ने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था। अटल सेतु, जो भारत का सबसे बड़ा समुद्री पुल है, मुंबई से नई मुंबई के बीच २० मिनट में सफर पूरा करता है। लेकिन ऊंचे टोल और महंगे किराए ने इस सेवा को विफल बना दिया।