मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनाकाम से नाम जोड़ कर

काम से नाम जोड़ कर

काम से नाम जोड़ कर
चल यार तू मोह छोड़ कर
तय कर सफर, आ तू इधर
जहाँ ले चले ये मन,
खो जाए हम उधर …
न बैठ यहाँ, न कर ऊटपटाँग बातें
न बन किसी के लिए जरूरी..
उड़ जा तू अपने बागों से,
कर रोशन ,करके दूरी

मिली जो जिंदगी मुफ़्त की
न गंवा तू इसे भी
पाल ले जिद ये कभी
सपनों के आसमान ओढ़कर
काम से नाम जोड़ कर…

लिख सपनें तूफां के रंग से
कर कुछ ऐतिहास बने
सजे तेरे ताज खुशियों से
सबके लिए तू खास बने

हो भले चाहें रत्ती भर
सीख हवाओं से इधर
हार न मान ओ मेहमान
चल झट से तू बेखबर

-मनोज कुमार गोण्डा उत्तर प्रदेश

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