मुख्यपृष्ठनए समाचारशिंदे सरकार के तुगलकी फरमान से ग्राम पंचायतों पर महासंकट!

शिंदे सरकार के तुगलकी फरमान से ग्राम पंचायतों पर महासंकट!

-`आपले सरकार’ सेवा केंद्र के परिचालकों का भुगतान खुद करे ग्राम पंचायत

-राज्य में लगभग ३० हजार ग्राम पंचायतों पर पड़ेगा आर्थिक बोझ

सुनील ओसवाल / मुंबई

सरकार ने हाल ही में राज्य की ग्राम पंचायतों में कार्यरत `आपले सरकार’ सेवा केंद्र के चालकों (ग्राम पंचायत) के पारिश्रमिक का भुगतान ग्राम पंचायत स्तर से करने का निर्णय लिया है। इस पैâसले से कम आय वाली ग्राम पंचायतों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। इसके साथ ही राज्य में करीब ३० हजार ग्राम पंचायतों का वित्तीय बोझ बढ़ेगा, जिससे कई ग्राम पंचायतों को अपनी वित्तीय गणनाएं दुरुस्त करने में मशक्कत करनी पड़ेगी। ऐसा देखा जा रहा है कि दो लाख से कम आय वाली ग्राम पंचायतों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पंचायत परियोजना के अंतर्गत पंचायत राज संस्थाओं के कार्यों में एकरूपता एवं पारदर्शिता लाना, विभिन्न प्रशासनिक विभागों के अंतर्गत नागरिकों को उनके आवासीय क्षेत्रों में आवश्यक सेवा जैसे प्रमाण-पत्र समय पर प्राप्त करना, अन्य पेशेवर सेवाएं व बैंकिंग सेवाएं।
बता दें कि ११ अगस्त २०१६ के शासन निर्णय के अनुसार, ग्रामीण जनता को एक स्थान पर एकत्रित करने के उद्देश्य से राज्य की ग्राम पंचायतों में `आपले सरकार’ सेवा केंद्र स्थापित कर केंद्र सरकार से प्रेरित कंपनी के माध्यम से इस परियोजना को क्रियान्वित करने की मंजूरी दी गई। इसी के तहत कंपनी के साथ एक समझौता किया गया। १४वें वित्त आयोग की समाप्ति के बाद समझौते को बढ़ा दिया गया था। अनुबंध ३० जून २०२४ को समाप्त हो गया। इस परियोजना के लिए संबंधित कंपनी का चयन उच्च प्राधिकार समिति की मंजूरी से किया गया था। हालांकि, सर्विस सेंटर चालक मुश्किल में थे क्योंकि कंपनी ने प्रोजेक्ट चलाने से इनकार कर दिया था। परिणामस्वरूप ग्राम पंचायत के प्रशासन में कठिनाइयां आने लगीं। इस बीच, राज्य की शिंदे सरकार ने १० अक्टूबर २०२४ को वैâबिनेट बैठक में केंद्र चालक (ग्राम प्रशासक) के पारिश्रमिक का भुगतान ग्राम पंचायत स्तर से करने का निर्णय लिया है।
छोटी ग्राम पंचायतें प्रभावित
सरकार का यह पैâसला कम आबादी वाली ग्राम पंचायतों को राशन आने की संभावना है। जिन ग्राम पंचायतों की वार्षिक आय दो लाख से कम है, उन्हें इस पैâसले को लागू करने में चुनौती होगी। ग्राम पंचायतों का कर संग्रहण उंगलियों पर गिना जा सकता है, जो १०० प्रतिशत है। वास्तविक कर एवं केंद्रीय निदेशक को दिये जाने वाले पारिश्रमिक में सामंजस्य स्थापित करना संभव नहीं प्रतीत होता है।

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