मुख्यपृष्ठनए समाचारगद्दार कहने से किसी की बदनामी नहीं ...अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संरक्षण...

गद्दार कहने से किसी की बदनामी नहीं …अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संरक्षण हो कामरा के समर्थन में मुंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर

सामना संवाददाता / मुंबई
स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ गद्दार गीत को लेकर दर्ज की गई फौजदारी कार्रवाई को चुनौती देते हुए मुंबई हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि इस गीत के जरिए किसी की बदनामी नहीं की गई है, न ही इसमें कोई राजनीतिक व्यंग्य कानून की सीमाओं का उल्लंघन करता है। अत: कामरा के खिलाफ किसी भी आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगाई जानी चाहिए।
याचिका में यह भी मांग की गई है कि कामरा द्वारा अपने शो में दिया गया बयान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद १९(१) (क)) के दायरे में आता है और इसे संरक्षण दिया जाना चाहिए। साथ ही उस वीडियो को शेयर या री-ट्वीट करनेवालों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए, ऐसा याचिकाकर्ता ने न्यायालय से अनुरोध किया है।

कामरा के खिलाफ तीन और केस दर्ज
इस मामले में जलगांव में एक और नासिक में दो नए मामले दर्ज किए गए हैं। इन सभी मामलों को मुंबई के खार पुलिस स्टेशन को सौंपा गया है। इस बीच, पुलिस ने कामरा को तीसरा समन जारी कर ३१ मार्च तक खार पुलिस स्टेशन में हाजिर होने का निर्देश दिया है। हालांकि, मद्रास हाई कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत देते हुए ७ अप्रैल तक किसी भी गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की है।

अन्य समाचार