-चुनाव आयोग से सत्यता सार्वजनिक करने की अपील
सामना संवाददाता / मुंबई
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की विश्वसनीयता पर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। चुनाव आयोग ने यह घोषणा की है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव ५ फरवरी को होंगे और मतगणना ८ फरवरी को होगी।
चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम और चुनाव प्रक्रिया पर लगाए गए आरोपों को खारिज करने के बाद, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता और युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने मांग की है कि आयोग जनता और विशेषज्ञों के सामने ईवीएम की सत्यता साबित करे।
आदित्य ठाकरे ने सवाल उठाया है कि ईवीएम हैक हो सकती है या नहीं?, यह साबित करने के लिए चुनाव आयोग को एक खुला चैलेंज देना चाहिए। आम लोग और तकीनीकी विशेषज्ञ को भी ईवीएम पर बोलने और गलतियां तलाशने का मौका मिले। उन्होंने सुझाव दिया कि एक प्रयोग किया जाए, जिसमें ईवीएम के साथ बैलेट पेपर का इस्तेमाल हो और दोनों के नतीजों की तुलना की जाए। ईवीएम के मुद्दे ने आगामी चुनावों के पहले राजनीतिक बहस को और तेज कर दिया है। आदित्य ठाकरे ने चुनाव आयोग के २०२४ लोकसभा चुनावों में कामकाज की पारदर्शिता पर सवाल उठाया।
आदित्य ठाकरे ने आयोग को ‘इंटायर कम्प्रोमाइज्ड कमीशन’ कहते हुए उनकी कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए। आदित्य ठाकरे जैसे प्रमुख नेताओं के इन आरोपों से चुनाव आयोग पर पारदर्शिता सुनिश्चित करने का दबाव बढ़ गया है।