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कृषि मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र से नहर गायब! …नागरिकों ने कहा, वापस लाओ

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह कहते फिर रहे हैं कि उनके पिता के सामने दिल्ली नतमस्तक है। उधर कृषि मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र से नहर और और नहर की जमीन ही गायब हो गई है। जी हां, विदिशा जिले में बेतवा नदी के पास बनी नहर और नहर की जमीन ही गायब हो चुकी है। जब लोगों ने इसकी शिकायत की तो अब हलाली विभाग ने प्रशासन को पत्र लिखकर नहर की जमीन ढूंढ़ने की गुहार लगाई है।
दरअसल, सम्राट अशोक सागर संभाग क्रमांक २ के अंतर्गत विदिशा दौलतपुरा और मदन खेड़ा के लिए नहर बनाई गई थी, जिसका नाम विदिशा उदवहन सिंचाई योजना रखा गया था। अनुविभागीय अधिकारी के माध्यम से भूअर्जन की प्रक्रिया कराई गई थी, जिसमें एक दर्जन किसानों की भूमि लेकर सिंचाई के लिए विधिवत योजना बनाकर नहर बनाई गई थी। श्यामा प्रसाद मुखर्जी उद्यान के पास पानी के लिए लिफ्ट बनाई गई थी, जिससे बेतवा नदी से पानी लिफ्ट कर पानी को आगे बढ़ाकर नहरों के माध्यम से ईदगाह होते हुए नवीन कलेक्टर परिसर विट्ठल नगर के अलावा शहर के अन्य हिस्सों को सप्लाई होता था।
कुछ सालों तक नहर चलती रही, इसके बाद बस्ती का निर्माण हुआ। धीरे-धीरे योजना बंद हो गई, लेकिन योजना में कई हेक्टेयर भूमि जो शासन ने अधिग्रहण की थी, उस नहर को भूमाफियाओं ने अपने कब्जे में ले लिया। नहर से पत्थर, पाइप सहित अन्य उपकरणों को तोड़ दिया और वर्तमान में वहां मकान बनने की प्रक्रिया चल रही है। स्थानीय लोंगों का कहना है कि हमने मुआवजा नहीं लिया। अब उनकी नजरों में सरकारी दस्तावेज भी गलत साबित हो रहे हैं, जबकि नहरों के नक्शे, भू-अर्जन की प्रमाणित प्रतिलिपि सहित राशि जो किसानों ने ली है, उसके सबूत मौजूद हैं।
अब कराई जा रही जांच
अब इस पूरे मामले में तहसीलदार को जांच के आदेश मिले हैं। जांच आने के बाद स्पष्ट होगा कि किस किसान की कितनी भूमि शासन ने भूअर्जन की थी। इस पर किन लोगों ने कब्जा कर लिया है या किसी ने अगर निर्माण कार्य कर लिया है तो भूमि उससे मुक्त कराई जाएगी।

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