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कोस्टल रोड पर कार रेसिंग से मुंबईकरों की उड़ी नींद …परेशान साउथ मुंबई के निवासी ने की तत्काल कार्रवाई की मांग

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के वर्ली, ब्रीच वैंâडी और नेपियंसी रोड के निवासियों ने कोस्टल रोड पर बढ़ती कार और बाइक रेसिंग के खिलाफ कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि वाहन चालकों ने इस सड़क को रेस ट्रैक में बदल दिया है। सीसीटीवी वैâमरों और पुलिस की कार्रवाई के अभाव में यह समस्या दिनों-दिन गंभीर होती जा रही है।
रात के सन्नाटे में गूंजती तेज आवाजें
वर्ली के माधुली अपार्टमेंट्स में रहनेवाले वीरेन शाह ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों से तेज आवाजें रात के समय में परेशानी का सबब बन रही हैं। उन्होंने ट्रैफिक पुलिस को लिखे पत्र में कहा, ‘रात १० बजे से १२ बजे के बीच मॉडिफाइड साइलेंसर वाले वाहनों का बेड़ा यहां से गुजरता है। उनकी तेज आवाज से आसपास के रिहायशी इलाकों का सुकून खत्म हो गया है।’
शाह ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण (रेगुलेशन एंड कंट्रोल) रूल, २००० के अनुसार, रिहायशी इलाकों में रात में ध्वनि स्तर ४५ डेसिबल से अधिक नहीं होना चाहिए, लेकिन इन वाहनों की तेज आवाज इस सीमा को पार कर रही है, जिससे स्थानीय लोगों में तनाव और अशांति बढ़ रही है।
अस्पतालों और मरीजों पर असर
ब्रीच कैंडी रेजिडेंट्स फोरम के अध्यक्ष श्याम लुल्ला ने बताया कि रेसिंग से ब्रीच कैंडी अस्पताल के मरीज और स्वास्थ्यकर्मी भी प्रभावित हो रहे हैं। ‘चिकित्सा सुविधाओं और शांति क्षेत्र में ४० डेसिबल की सीमा तय है, लेकिन यहां इसकी अनदेखी हो रही है।’
सुरक्षा के लिए खतरा
ब्रीच वैंâडी रेजिडेंट्स फोरम की सदस्य नंदिनी चाबरिया ने बताया, ‘रविवार की सुबह और हर रात १० बजे के बाद लैंबॉर्गिनी और अन्य लग्जरी कारें तेज रफ्तार में दौड़ती हैं। अंदर के टनल में भी गाड़ियां १०० किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलती हैं। यह स्थिति किसी बड़े हादसे को न्योता दे रही है।’
निवासियों की मांग, ठोस कार्रवाई हो
स्थानीय लोगों ने बीएमसी, ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने विशेष रूप से मॉडिफाइड साइलेंसर वाली गाड़ियों पर रोक लगाने और स्पीड वैâमरों को तुरंत चालू करने का अनुरोध किया है। चाबरिया ने कहा, ‘वैâमरे और मोबाइल वैन पूरे क्षेत्र की निगरानी के लिए पर्याप्त नहीं हैं। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्पीड लिमिट और नियमों का पालन सख्ती से हो।’ अब देखना है कि प्रशासन इस मामले में कितनी जल्दी कदम उठाता है और निवासियों को इस समस्या से राहत मिलती है या नहीं।

पुलिस और प्रशासन की लापरवाही
लुल्ला ने आरोप लगाया कि निवासियों की कई शिकायतों के बावजूद पुलिस कार्रवाई करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही। उन्होंने कहा, ‘रविवार को यह समस्या और बढ़ जाती है, जब सड़क को पूरी तरह रेस ट्रैक बना दिया जाता है। यहां स्पीड लिमिट वैâमरे काम नहीं कर रहे, जिससे वाहन चालकों को कोई डर नहीं है।’

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