अग्नि सुरक्षा के मानकों की अवहेलना छीन रहे मजदूरों की जिंदगी
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में पिछले कई दिनों से लगातार आग लगने की खबर सामने आ रही है। शनिवार को साकीनाका के खैरानी रोड पर एक गाले में आग लगी, जिसके बाद आस-पास के करीब ४० गाले जलकर खाक हो गए। कुछ वर्ष पूर्व खैरानी रोड पर भानु फरसाण मार्ट में भी आग लगी थी, जिसमें जलकर १२ मजदूरों की दर्दनाक मौत हुई थी।
दो वर्ष पूर्व साकीनाका के राजश्री हार्डवेयर नामक दुकान में आग लगी थी, जिसमें दो मजदूरों की मौत हो गई थी। महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पूर्व में विधान परिषद को सूचित किया था कि पिछले तीन वर्षों में मुंबई में आग की १३,००० घटनाएं हुर्इं, जिनमें ६५ लोगों की जान चली गई।
राज्य सरकार की तरफ से भी निर्माण श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्माण स्थल पर सुरक्षा किट और आगजनी से बचने के लिए व्यापक उपाय करने पर जोर दिया गया है तथा मजदूरों का बीमा भी करना अनिवार्य है, लेकिन नियमों की अवहेलना करते हुए ठेकेदार श्रमिकों के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं। लॉ स्टूडेंट रूपेश रविढोने तथा सामाजिक कार्यकर्ता किरण राणे ने राज्य सरकार तथा महानगरपालिका के २१ विभागों में ईमेल भेजकर यह मामला प्रकाश में लाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि नियमों की अवहेलना कर किए जा रहे निर्माण आगजनी के मुख्य स्रोत हैं। उन्होंने शिकायत की है कि साकीनाका ९० फीट रोड तथा खैरानी रोड पर सुभाष नगर तथा कुर्ला-पश्चिम में कल्पना सिनेमा के सामने बगदाद होटल के पास राणा कंपाउंड में सुरक्षा मानकों की अवहेलना करते हुए निर्माण कार्य चल रहे हैं।
कुर्ला एल वॉर्ड ने पूर्व में अवैध निर्माण करने के आरोप में कय्यूम अब्दुल शेख पर एमआरटीपी के तहत साकीनाका पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था। रूपेश रविढोने ने मुख्यमंत्री समेत मनपा तथा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को आगाह किया है कि आगजनी में निर्दोष नागरिकों के जलने से बेहतर है कि अवैध निर्माण पर अंकुश लगाया जाए।