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गोवा में मौज-मस्ती का मामला पहुंचा पुलिस स्टेशन…विधायक गीता जैन के समर्थक पर एफआईआर दर्ज

-चुनाव से पहले बर्चस्व को लेकर भाजपा के दोनों गुटों में छिड़ी जंग

-ये पब्लिक है सब जानती है!

चंद्रकांत दुबे / मीरा-भायंदर

भाजपा के पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता अपने पूर्व नगरसेविका व नगरसेवकों के साथ गोवा मौज-मस्ती करने गये थे या चुनावी आत्मचिंतन, यह तो किसी को पता नहीं, लेकिन यह मामला अब पुलिस स्टेशन जरूर पहुंच चुका है। इस मामले में मेहता के कट्टर प्रतिद्वंदी वर्तमान विधायक गीता जैन और रवि व्यास के एक-एक समर्थक पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। मामला कुछ भी हो, परंतु एक बात तो अब स्पष्ट है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मेहता और जैन के बीच बर्चस्व की जंग छिड़ चुकी है।
आखिर गोवा से किसने किया वीडियो वायरल
गोवा गए भाजपाइयों में से ही आखिर नरेंद्र मेहता का दुश्मन कौन! कौन उन्हें बदनाम करना चाहता है! किसने वहां से वीडियो को वायरल किया, यह चर्चा का विषय बना हुआ है। जबकि विवादों से घिरे बदनामी झेल रहे मेहता अपनी छवि सुधारने के लिए मीरा रोड में विट्ठल रखूमाई की प्रतिमा और पंढरपुर मंदिर की प्रतिकृति का निर्माण कराया था। वे इससे वारकरी समाज और हिंदुओं को खुश करना चाहते थे, लेकिन उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया गया। आस्तीन का सांप कौन है, इस बात को लेकर मेहता गुट में मंथन चल रहा है।
बचाव में विधायक जैन भी मैदान में
अपने समर्थकों पर मामला दर्ज होने पर विधायक जैन ने अपने समर्थक का बचाव किया। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि उनके कार्यालय में कार्यरत सोनू यादव को भी किसी ने विडियो भेजा था। गोवा से किसने उस विडियो को सोशल मीडिया पर डाला, पुलिस जांच में खुलासा हो जायेगा। वहां पर तो सभी विश्वासपात्र लोग रहे होंगे, जबकि सोनू ने वह वीडियो अपने मित्र व परिवार के लोगों को ही दिखाया था और उसमें छेड़छाड़ भी नहीं हुआ है। इस मामले को लेकर दोनों तरफ से अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। फिलहाल, इस मामले की जांच अब पुलिस कर रही है, जिसका खुलासा हो ही जाएगा और सच्चाई सामने आ जाएगी। मीरा-भायंदर की जनता इन दोनों की लड़ाई से अब अवगत है कि आखिर ये लड़ क्यूं रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव के टिकट को लेकर दोनों लड़ाई लड़ रहे हैं। ये पब्लिक है भाई, सब जानती है!
आपसी लड़ाई भाजपा को ले डूबेगी
एक कहावत बहुत प्रचलित है कि प्यार और जंग में सब जायज है। वहीं लड़ाई इस समय यहां के भाजपाइयों में अपने स्वार्थ कहें या बर्चस्व अथवा पकड़ बना कर रखने के लिए छिड़ी है। इस बार चुनावी राह आसान नहीं है, फिर भी टिकट सभी को चाहिए। ऐसा नाम न छपने की शर्त पर एक वरिष्ठ भाजपाई नेता का कहना है। पिछले चुनाव में अंतर्कलह का नतीजा भाजपा भुगत चुकी है, जहां भाजपा से ही महापौर रही नगरसेविका ने बगावत की थी और भाजपा उम्मीदवार नरेंद्र मेहता को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस बार मामला अलग है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो मीरा-भायंदर विधानसभा की यह सीट इस बार विरोधियों के खेमे में जाने से कोई नहीं बचा सकता। भाजपा का भूत ऐसे नेताओं की वजह से लोगों के दिलों दिमाग से उतर चुका है। ऐसी सच्चाई एक वरिष्ठ नेता ने दोनों की लड़ाई को देखते हुए व्यक्त की है।

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