मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव 2027 में है, लेकिन राजनैतिक दलों से जुड़े छद्म लोगों ने सामाजिक ताना-बाना बिगड़ना शुरू कर दिया। संयोग कहा जाय या प्रसाशनिक असफलता उत्तर प्रदेश में जातीय वैमनस्यता तेजी से बढ़ रही है। आगरा में राज्यसभा में सपा सांसद रामजी लाल सुमन की राणा सांगा पर टिप्पणी के बाद करणी सेना ने शनिवार को आगरा युध्द का मैदान बनाने की कोशिश की। शनिवार को ही लखनऊ में बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा सरकारी जमीन पर रखने की शिकायत की गई। जब प्रशासन के निर्देश पर इसे हटाने के लिए टीम गयी तो विरोध में लोगों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। सैकड़ों की संख्या में महिलाएं-पुरुष एकत्र होकर नारेबाजी करने लगीं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने समझाने का प्रयास किया तो प्रदर्शनकारियों ने पथराव कर दिया। इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। बख्शी का तालाब थाना क्षेत्र के मवई खातरी गांव की है। बताया गया कि तीन दिन पहले गांव में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा चोरी-छिपे स्थापित कर दी गई। शनिवार की दोपहर 2 बजे बीकेटी, इटौंजा, महिंगवा, मड़ियांव थाने के साथ पीएसी और महिला थाना पुलिस मौके पर पहुंची।
ग्रामीणों ने प्रतिमा हटाने से मना कर दिया। विरोध पर पुलिस टीम पर पथराव शुरू कर दिया। इसमें महिला थाना प्रभारी मेनका सिंह समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने पांच राउंड टियर गन का प्रयोग किया। हालात काबू करने की कोशिश की जा रही है।