-चलेगा हंटर, गूंजेगा शंखनाद
सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले पांच दशकों से अधिक समय से मुंबई, महाराष्ट्र और मराठी माणुसों का श्वास व विश्वास बन चुका शिवसेना का दशहरा सम्मेलन आज शिवतीर्थ पर बड़े ही उत्साह और उमंग में आयोजित हो रहा है। यह केवल शिवसेना का सम्मेलन नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की तेजस्वी परंपरा का समारोह है। महाराष्ट्र को झुकाने का सपना देखनेवाले दिल्लीश्वरों और उनका इशारा मिलते ही गर्दन झुकाने वाले महाराष्ट्र के गद्दारों पर इस सम्मेलन में शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे का हंटर चलेगा। लाखों लोगों की मौजूदगी में उद्धव ठाकरे आज महाराष्ट्रद्रोही रावण का दहन करेंगे। विराट जनसमुदाय के सामने आगामी विधानसभा चुनाव का शंखनाद गूंजेगा। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की धधकती मशाल उद्धव ठाकरे किसकी कुर्सी के नीचे लगाएंगे, इस पर पूरे हिंदुस्थान सहित देश-विदेश की मीडिया की निगाहें टिकी हैं।
इस ऐतिहासिक समारोह में विचारों का सोना लूटने के लिए गाते-बजाते और गुलाल उड़ाते हुए आएं। इस तरह का आह्वान शिवसेना की तरफ से किया गया है। शिवसेना के दशहरा सम्मेलन का एक इतिहास है। हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे के दशहरा सम्मेलन के विचारों ने तमाम हिंदुओं में राष्ट्राभिमान को जगाया है। मराठी माणुसों के मन मस्तिष्क में स्वाभिमान को ताकत दी। अब पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना बुलंदियां छू रही है। उद्धव ठाकरे के महाराष्ट्रद्रोहियों की छाती को छलनेवाले विचारों को सुनने के लिए प्रचंड भीड़ एकत्रित होगी। विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि पर होनेवाला यह दशहरा सम्मेलन निश्चित तौर पर विराट और ऐतिहासिक साबित होगा।
दशहरा सम्मेलन को लेकर शिवसेना के जारी टीजर को जोरदार प्रतिसाद मिल रहा है। शिवसेना ने एक के बाद एक तीन टीजर लॉन्च किए हैं। शिवसेना का क्या होगा, इस तरह का सवाल उठाने वालों को शिवसेना क्या कर सकती है, यह दिखा देंगे। इस तरह की चेतावनी टीजर के माध्यम से उद्धव ठाकरे ने दी है। यही आक्रामकता कई गुना अधिक आज के दशहरा सम्मेलन में दिखाई देगी। ऐसे में सत्ताधारियों के पाले में भी चर्चाओं का बाजार गर्म है। उद्धव ठाकरे आज किस पर हमला बोलेंगे और किसे निशाना बनाएंगे इसके कयास उनकी तरफ से लगाए जा रहे हैं। शिवसेना के एक टीजर में शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे के भगवा रंग को कभी भी, कहीं भी फीका न पड़ने दें। इस तरह का आह्वान शिवसैनिकों और शिवप्रेमियों से करते हुए दिखाई दे रहा है। दिल्लीश्वरों के महाराष्ट्र द्वेष को कुचलने, गद्दार प्रवृत्ति को गाड़ने, महाराष्ट्र पर लगे कलंक को पोंछने, महाराष्ट्रद्रोहियों की अच्छे से खबर लेने के लिए महाराष्ट्र का एकमात्र पारंपरिक दशहरा सम्मेलन का उल्लेख टीजर में किया गया है।