रमेश सर्राफ धमोरा / जयपुर
पेयजल संकट पर राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की नाराजगी के बाद केंद्र सरकार ने सख्ती दिखाई है। केंद्र ने पेयजल संकट पर राजस्थान सरकार से तत्काल रिपोर्ट मांगी है।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि झालावाड़ जिले में जल संकट को लेकर वसुंधरा राजे की उठाई गई चिंता को गंभीरता से लिया है। राजस्थान सरकार से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने झालावाड़ जिले के कई इलाकों में पानी संकट को लेकर अफसरों को फटकार लगाई थी। रायपुर कस्बे में लोगों की शिकायत पर उन्होंने सख्त रुख अपनाते हुए अफसरों पर तल्ख टिप्पणी की।
राजे ने एक्स पर लिखा था कि क्या जनता को प्यास नहीं लगती? सिर्फ आप अफसरों को ही लगती है। गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त है। अफसर तृप्त हैं। पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुंचे। अफसर सो रहे हैं, लोग रो रहे हैं। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी। इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जब पूर्व सीएम मजबूर तो आम आदमी की क्या हालत होगी।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे झालावाड़ जिले के दौरे पर रायपुर पहुंचीं। पेयजल संकट की शिकायत मिलने पर उन्होंने जलजीवन मिशन और जलदाय विभाग के अफसरों को कड़ी फटकार लगाते हुए सवाल किया- ष्क्या जनता को प्यास नहीं लगती? सिर्फ आप अफसरों को ही लगती है? राजे ने लिखा प्रधानमंत्री जी ने 42 हजार करोड़ जल जीवन मिशन में दिए हैं। पाई-पाई का हिसाब दो कि झालावाड़ के हिस्से की राशि का आपने क्या किया? पेयजल संकट निवारण के लिए हमारी सरकार तो पैसा दे रही है, लेकिन अफसर योजनाओं की सही क्रियान्विति नहीं कर रहे। इसलिए राजस्थान के लोग प्यास से व्याकुल हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यह तो अप्रैल का हाल है जून-जुलाई में क्या होगा? पूर्व मुख्यमंत्री के सवालों का वहां मौजूद एसई पीएचईडी प्रोजेक्ट दीपकसिंह झा सहित कोई भी अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इस पर उन्होंने साफ चेतावनी दी कि लोगों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए।
वसुंधरा राजे ने झालावाड़ दौरे के दौरान लोगों से पानी की लगातार शिकायतें मिलने के बाद जिस तरह उन्होंने सार्वजनिक रूप से तल्ख तेवर दिखाएं हैं। उसे लेकर सियासी हलकों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। अधिकारियों के बहाने वसुंधरा राजे ने राज्य सरकार पर हमला किया है। लोगों का कहना है कि लोगों की शिकायतों के बाद राजे पहले भी अफसरों पर नाराजगी जताती रही हैं। जोधपुर दौरे के दौरान भी उन्होंने अव्यवस्थाओं को लेकर अफसरों पर नाराजगी जताई थी। पानी संकट से जुड़े जनता के मुद्दे वसुंधरा राजे के तेवरों के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। जल जीवन मिशन की जानकारी में सामने आया कि मिशन का काम मार्च 2024 में ही पूरा होना था लेकिन अभी तक 60 फीसदी ही हुआ है। जिले के 1478 गांवों में मार्च 2024 तक हर घर नल पहुंचाना था लेकिन अभी तक 900 गांवों में ही कनेक्शन का काम चल रहा है। 515 गांव में काम पूरा हो पाया है। 1091 गांवों में ही वर्क ऑर्डर हो पाए हैं।