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संपूर्ण विपक्ष पर केंद्र का कसा शिकंजा!

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद पिछले कुछ वर्षों में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की सक्रियता बढ़ी है। विपक्षी दल यह आरोप लगा रहे हैं कि जब-जब चुनाव नजदीक होते हैं, तब-तब ईडी नेताओं पर शिकंजा कसने लग जाती है। पिछले दिनों झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी ईडी ने नोटिस भेजे हैं। दिल्ली पुलिस भी केजरीवाल के घर पर नोटिस देने पहुंच गई। इसके अलावा `आप’ की मंत्री आतिशी को नोटिस और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी गई है। इन घटनाओं से साफ जाहिर हो रहा है कि केंद्र आम आदमी पार्टी के पीछे पड़ गई है। केंद्र सरकार पार्टी पर पूरी तरह से शिकंजा कसकर राजनीतिक फायदा उठाना चाह रही है।
अब सवाल उठने लगा है कि भूपेश बघेल के पास ईडी तभी क्यों पहुंचती है, जब छत्तीसगढ़ में चुनाव हो रहे होते हैं। चुनाव खत्म होने के बाद ईडी उनके पीछे नहीं है। ईमानदार लोगों के पास ईडी जाने लगी है। स्थिति बदल गई है। ईडी को ऐसी शक्ति दी गई है कि वो जिस तक पहुंच जाएगी, उसके बाद उस व्यक्ति की यह जिम्मेदारी होगी कि वह खुद को बेगुनाह साबित करे। यह नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है।
विपक्षी नेताओं का कहना है कि ईडी ने जितने राजनीतिक मामलों को छुआ, उनमें से ९६ फीसदी मामले विपक्षी नेताओं पर थे। ईडी का इस्तेमाल दहशत पैâलाने के लिए हो रहा है। हेमंत सोरेन का मामला जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़ा है। इसकी जांच सीबीआई क्यों नहीं कर सकती थी? ईडी ही क्यों जांच कर रही है? यानी ईडी को भेजो और सरकार बदलो।

केजरीवाल के घर पहुंची दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम कल फिर से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर उनको नोटिस देने पहुंची। दरअसल, `आप’ ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने आम आदमी पार्टी के विधायकों को खरीदने की कोशिश की। इस आरोप के बाद पुलिस सीएम केजरीवाल को व्यक्तिगत रूप से नोटिस देने उनके घर पहुंची। बता दें कि आम आदमी पार्टी नेताओं के विधायक को खरीदने वाले आरोपों को दिल्ली भाजपा ने गंभीर बताते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा से शिकायत दर्ज कराई थी।

हेमंत फ्लोर टेस्ट में होंगे शामिल
जमीन घोटाले के आरोप में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नई सरकार के फ्लोर टेस्ट में ५ फरवरी को शामिल होने की अनुमति कोर्ट ने प्रदान कर दी है। हेमंत सोरेन की ओर से एजी राजीव रंजन एवं अधिवक्ता प्रदीप चंद्र ने पक्ष रखा। बता दें कि हेमंत सोरेन की ओर से ईडी कोर्ट में याचिका दाखिल कर विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान उपस्थित होने की मांग की गई थी, जिस पर कोर्ट में सुनवाई हुई। नई सरकार के गठन के बाद मंत्री आलमगीर आलम को संसदीय कार्य विभाग मिला। इस विभाग के अलावा अन्य सभी विभाग मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के पास रहेंगे। इसके अलावा, सत्यानंद भोक्ता को फिलहाल कोई विभाग नहीं दिया गया है।

मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत बढ़ी
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को कोर्ट ने एक बार फिर खारिज कर दिया है। अदालत ने आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत १७ फरवरी तक बढ़ा दी है। दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने कल दिल्ली शराब घोटाला मामले में सुनवाई करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। बता दें कि दिल्ली की नई शराब नीति में घोटाले के आरोप में घिरे मनीष सिसोदिया लंबे समय से जेल में हैं और उन पर लगे आरोपों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कर रही है। ईडी ने शराब घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं में जांच कर रही है। दोनों ही मामलों में एजेंसियों ने सिसोदिया को आरोपी बनाया है।

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