अनिल मिश्र / पटना
बिहार प्रदेश के अति प्राचीन अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विश्व पटल के पर्यटन मानचित्र पर अपना स्थान रखने वाला पूर्व-मध्य रेलवे के महत्वपूर्ण गया रेलवे जंक्शन को रेलवे डिविजनल का जोन बनाने सहित अन्य मांगों को लेकर गया रेलवे जंक्शन परिसर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर जनजागरण अभियान कार्यक्रम चाला कर इस संबंध में भारत के महामहिम राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को ज्ञापन भेज कर आवाज बुलंद किया गया। इस जनजागरण अभियान में शामिल बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो. विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, राजीव कुमार सिंह उर्फ लबी सिंह, गया जिला कांग्रेस पिछड़ा सेल अध्यक्ष राम सेवक कुशवाहा, शिव कुमार चौरसिया, टिंकू गिरी, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, प्रद्युम्न दुबे, दामोदर गोस्वामी, शिव कुमार चौरसिया, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, युवा कांग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम आलम, अफताब अरबियान आदि ने कहा कि पूर्व मध्य रेलवे के महत्वपूर्ण गया रेलवे जंक्शन को रेलवे का डिविजनल जोन बनने की सभी अहर्ताओं को रखने के साथ-साथ ग्रैडंकोड लाइन के मुख्य स्टेशन है, जिसके अंतर्गत हजारों एकड़ भूखंड रखने तथा अभी अंतरराष्ट्रीय स्तर के सैकड़ों करोड़ रुपए की लागत से बन रहे गया रेलवे स्टेशन पर स्टेशन मास्टर नहीं, बल्कि डीआरएम के बैठने की नितांत आवश्यकता है। इन सभी नेताओं ने कहा कि गया से डी डी यू नगर लाइन में कर्मनाशा तक गया से पटना लाइन में नदौल तक, गया कियूल लाइन में जमालपुर तक, गया आसानसोल लाइन में पारसनाथ तक के सभी स्टेशन को मिला कर नया रेलवे डिविजनल जोन बताया जा सकता है। इस बीच इन नेताओं ने कहा है कि डिविजनल जोन के अलावे कई वर्षों पुरानी मागें, जैसे गया से बंगलुरु तथा हैदराबाद, अमदाबाद की सीधी ट्रेनें, मानपुर, इश्वर चौधरी हॉलट, बंधुआ, चाकंद, काष्ठा, रेलवे स्टेशन का चहुंमुखी विकास, बागेश्वरी गुमटी, पंचायती अखाड़ा, बंधुआ, कटारी, बारा रेलवे क्रॉसिंग पर ओवर ब्रिज का निर्माण कराने, गया रेलवे जंक्शन परिसर के मुख्य द्वार से दक्षिण- पश्चिम में स्टेशन से मिर्जा गालिब कॉलेज तक तथा उतर में बैरागी तक सड़क किनारे मॉल, दुकान आदि बनाने से गया जंक्शन का आमदनी के साथ-साथ आमजनों को काफी सहूलियत होगी।
वहीं इन नेताओं ने कहा कि कोरोना महामारी के समय यानि पांच वर्षों से बंद वरिष्ठ नागरिकों, खिलाड़ियों, पत्रकारों को रेलवे किराया में मिलने वाले रियायत को फिर से चालू करना नितांत आवश्यक है, जबकि कभी-कभी इस संबंध में देश के विभिन्न मीडिया सेक्टरों से इस संबंध में खबरें आती रहती हैं कि यह रियायत फिर शुरू होने वाला है, परंतु ऐसा अभी तक नहीं हुआ है।