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मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि को केंद्र सरकार ने नहीं दी अलग जगह, छिड़ा विवाद … विपक्षी नेताओं ने कहा, मोदी सरकार ने दिवंगत आत्मा के साथ किया घोर अपमान

– कांग्रेस ने कहा, पूरी सिख कौम के साथ मोदी ने की नाइंसाफी

रमेश ठाकुर/नई दिल्ली
केंद्र सरकार द्वारा देश के इकलौते सिख प्रधानमंत्री सरदार डॉक्टर मनमोहन सिंह के लिए एक समाधि स्थल का भी इंतजाम नहीं करना, वाकई शर्मनाक है। केंद्र सरकार ने राजघाट क्षेत्र में डॉ. सिंह को जगह देने से इंकार करने का नेताओं के अलावा देशवासी भी विरोध कर रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार के लिए अलग जगह नहीं देने पर कांग्रेस समेत दूसरी कई पार्टियों ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा है। शनिवार दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर डॉ. सिंह की अंत्येष्टि दिल्ली के यमुना के किनारे बने निगमबोध घाट पर की गई है। जबकि, समाधि के लिए कांग्रेस ने राजघाट की मांग की थी। इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सुबह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी। राजघाट पर पूर्व के कई प्रधानमंत्रियों की समाधियां मौजूद हैं। एकाध पूर्व प्रधानमंत्री ऐसे थे जिनका अंतिम संस्कार उनके परिजनों के कहने पर उनके गृह राज्य में हुआ। केंद्रीय प्रोटोकॉल के मुताबिक प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति स्तर के नेताओं का अंतिम संस्कार राजघाट जैसी रिजर्व जगह पर ही होना चाहिए।

बता दें, राजघाट का एरिया 240 एकड़ में हैं। ये पूरा क्षेत्र शीर्ष व्यक्तियों की समाधिस्थ के लिए ही सुरक्षित है। डॉ. सिंह को समाधि स्थल नहीं देने का विवाद पूरे देश में गर्मा गया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, केंद्र सरकार ने मनमोहन का घोर अपमान किया है।अंतेष्ठी के लिए दिल्ली शामिल होने आए विभिन्न दलों के प्रमुख नेताओं ने भी कहा, डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर केंद्र सरकार द्वारा करवाना, उनकी शख्सियत, उनके विराट व्यक्तित्व, उनके कद और उनकी प्रतिष्ठा के साथ सरासर नाइंसाफी हैं

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