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केंद्र सरकार के दावे फेल… देशी स्याही, चीनी पेपर नकली नोटों का खेल!

-पुणे में ५०० के ७०,००० रुपए के जाली नोट बरामद, ६ गिरफ्तार

सामना संवाददाता / मुंबई

साल २०१६ में नोटबंदी का फैसला लेते समय केंद्र सरकार ने कहा था कि इसके कई फायदों में से एक नकली नोटों के इस्तेमाल पर लगाम लगाना होगा। केंद्र सरकार का वो दावा फेल साबित हुआ और देश में नकली नोटों का धंधा जारी है। इसका ताजा उदाहरण पुणे में पकड़े गए गिरोह से हुआ है। चाइना से स्पेशल पेपर इम्पोर्ट कर फर्जी वेबी सीरीज की तर्ज पर नकली नोट छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़ पुणे पुलिस ने किया है। नकली नोट छापने के धंधे में आईटी डिप्लोमा वाले युवक भी शामिल हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, आरोपियों ने प्रिटिंग प्रेस का कारोबार शुरू किया। जब कारोबार सही से नहीं चल पाया तो उन्होंने नकली नोट छापने की फैक्ट्री खोल दी। पुलिस ने इस मामले में ६ लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही उनके पास से ५०० के नकली नोटों की कुल रकम ७०,००० रुपए जब्त किया है। अब पुणे पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इन लोगों ने नकली नोटों को किसी मार्केट में सर्कुलेट किया है या नहीं। साथ ही पुलिस ये भी पता लगाने में जुटी है कि इस गिरोह में और कौन-कौन शामिल है।
ठाणे, जलगांव में भी पकड़े जा चुके हैं नकली नोट
पिछले वर्ष जलगांव पुलिस ने एक बड़ी छापेमारी को अंजाम देते हुए नकली नोटों की छपाई की पैâक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए एक शख्स को रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। इस छापेमारी के दौरान पुलिस ने १ लाख ६८ हजार रुपए के नकली नोटों को बरामद किया है, जिसमें १००, २०० और ५०० के नोट शामिल थे। उससे पहले ठाणे मे भी एक नकली नोटों के कारखाने को नष्ट किया गया था। इस मामले में तो जांच में मामला आतंकियों से जुड़ा निकला था, जिसके बाद एनआईए ने जांच करते हुए कई लोगों को भी गिरफ्तार किया था।

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