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केंद्र सरकार की नाकामी, देश छोड़ रहे भारतीय! …२.१६ लाख नागरिकों का पलायन

०२ लाख पार हर साल नागरिकता छोड़नेवालों का आंकड़ा
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण हर साल लाखों लोग भारत छोड़ कर दूसरे देशों की नागरिकता ले रहे हैं। हर साल दूसरे देशों की नागरिकता लेनेवाले भारतीयों का आंकड़ा २ लाख पार कर गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, साल २०२३ में २.१६ लाख भारतीयों ने नागरिकता छोड़कर विदेश का रुख किया, वहीं २०२२ में यह आंकड़ा २.२५ लाख था। विदेश में बसने के लिए सबसे ज्यादा भारतीय जिन देशों को चुनते हैं, उनमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। सबसे ज्यादा भारतीय पलायन करके यहीं बसते हैं। राज्यसभा में ‘आप’ सांसद राघव चड्ढा ने सवाल भी उठाया कि क्या सरकार ने इसकी वजह जांचने की कोशिश की है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग नागरिकता क्यों त्याग रहे हैं? पिछले साल २.१६ लाख भारतीयों ने नागरिकता छोड़कर विदेश का रुख किया, वहीं २०२२ में यह आंकड़ा २.२५ लाख था। यह जानकारी विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में दी। सांसद राघव चड्ढा के सवाल पर उन्होंने पिछले ५ सालों में भारतीय नागरिकों की संख्या बताते हुए जवाब दिया।
भारत छोड़ने की ५ बड़ी वजह
पहला क्वॉलिटी ऑफ लाइफ है। सुविधाओं से भरे जीवन की चाहत भारतीयों को विदेश लेकर जाती है और नागरिकता छोड़ने के लिए प्रेरित करती है। बीबीसी की एक रिपोर्ट में अमेरिका जानेवाली भावना बताती है कि यहां स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग अच्छा है। दूसरी वजह नौकरी के बेहतर मौके हैं। भारतीय जिन देशों को अपना ठिकाना बना रहे हैं, वहां की एक खूबी है नौकरी के बेहतर मौके हैं।
तीसरी और सबसे बड़ी वजह टैक्स में राहत, कारोबार का माहौल है। आर्थिक लाभ और कारोबार के लिए माहौल भी भारतीयों को विदेश का रुख करने पर मजबूर करता है। कई देश टैक्स में कई तरह की राहत देते हैं और टैक्सपेयर को टैक्स के बदले सुविधाएं देते हैं। चौथा कारण भारत में दोहरी नागरिकता का न होना है। कई विशेषज्ञ कहते हैं कि भारत में दोहरी नागरिकता का प्रावधान न होना भी पलायन की बड़ी वजह है। पांचवीं वजह पासपोर्ट की ताकत को बताया जाता है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स २०२४ की रिपोर्ट में भारतीय पासपोर्ट ८२वें पायदान पर है। साल २०२३ के मुकाबले २ अंक पीछे है। भारतीय पासपोर्ट से ५८ देशों में वीजा फ्री एंट्री मिलती है, लेकिन दुनिया के वो देश, जहां भारतीय बस रहे हैं, वहां का पासपोर्ट भारत के मुकाबले कहीं अधिक मजबूत है। जैसे- अमेरिकी पासपोर्ट से १८६ देश और ब्रिटिश पासपोर्ट से १९० देशों में वीजा फ्री एंट्री मिलती है, वहीं फ्रांस से १९२, संयुक्त अरब अमीरात से १८५, ऑस्ट्रेलिया के पासपोर्ट से १८९ देश में बिना वीजा के जा सकते हैं।

५ साल में पलायन का आंकड़ा
भारतीयों के देश छोड़ने का रिकॉर्ड देखें तो साफ है कि आंकड़ा २ लाख के पार पहुंच चुका है। पांच साल पहले यानी २०१९ में यह आंकड़ा १.४४ लाख था। कोविड के असर के बीच यह आंकड़ा घटा और २०२१ से फिर बढ़ना शुरू हुआ। २०२१ में १.६३ लाख और २०२२ में २.२५ लाख लोगों ने भारत छोड़ा। २०२३ में यह आंकड़ा २.१६ लाख रहा। इतनी बड़ी संख्या में भारतीय क्यों देश छोड़ रहे हैं? बार-बार यह सवाल उठता है। कई बार विपक्ष इसी सवाल को लेकर सरकार पर निशाना साध चुका है। भारतीयों के ऐसा करने के पीछे कई वजह बताई गई है।

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