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सेंट्रल रेलवे का सिस्टम कमजोर, बेहतर टेक्नोलॉजी को लेकर करना होगा लंबा इंतजार!

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के लोकल यात्रियों के लिए समय की सटीक जानकारी सबसे बड़ी जरूरत है, लेकिन सेंट्रल और पश्चिम रेलवे के ट्रेन मैनेजमेंट सिस्टम (टीएमएस) में बड़ा अंतर यात्रियों की समस्याओं को बढ़ा रहा है। जहां एक तरफ पश्चिम रेलवे अपने बेहतर तकनीक सुविधा से यात्रियों को आराम दे रहा है, वहीं सेंट्रल रेलवे अपने यात्रियों को पुराने तकनीक से पीछे रख रखा है। अपेक्षाकृत बेहतर तकनीक से पश्चिम रेलवे में २००२ से एडवांस टीएमएस प्रणाली का उपयोग हो रहा है, जो ट्रेन की स्थिति का डेटा ट्रैक डिवाइस (ईबीएसईटी) से प्राप्त करती है। इस प्रणाली के तहत चर्चगेट से विरार के बीच प्लेटफॉर्म पर ट्रेन के आगमन का अपेक्षित समय दिखाया जाता है। हालांकि, विरार से दहाणू तक पुराने टीएमएस का उपयोग होता है, जो सिर्फ ट्रेन का विवरण दिखाता है। एडवांस टीएमएस यात्रियों को अपेक्षित समय की बेहतर जानकारी देने में मदद करता है, लेकिन इसे लागू करते समय मैन्युअल प्रक्रिया के कारण यह २००४ में पूरी तरह से उपयोगी नहीं था। फिर भी पश्चिम रेलवे का सिस्टम सेंट्रल रेलवे के मुकाबले अधिक सटीक है।
सेंट्रल रेलवे पर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) से कल्याण के बीच २६ स्टेशनों के ९२ प्लेटफॉर्म पर पुरानी टीएमएस प्रणाली काम कर रही है। यह प्रणाली सिर्फ ट्रेन का विवरण दिखाती है और अक्सर गलत समय प्रदर्शित करती है। यात्रियों का कहना है कि इंडिकेटर पर १० मिनट का समय दिखने पर ट्रेन पहले ही प्लेटफॉर्म पर आ चुकी होती है। वहीं कभी-कभी १ मिनट का समय दिखता है, लेकिन ट्रेन १० मिनट बाद आती है। रेलवे प्रशासन ने २०२४ में सेंट्रल रेलवे पर आधुनिक आईपी आधारित प्रणाली लाने की घोषणा की थी। यह नई प्रणाली हर इंडिकेटर को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़कर डेटा का सटीक आदान-प्रदान सुनिश्चित करती है। लेकिन यह योजना अब तक अधूरी है।

२००८ में की गई थी नई आईपी प्रणाली लाने की घोषणा ध्यान देने वाली बात यह है कि रेलवे प्रशासन ने २०२४ में मध्य रेलवे पर आधुनिक आईपी आधारित प्रणाली लाने की घोषणा की थी। यह नई प्रणाली हर इंडिकेटर को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़कर डेटा का सटीक आदान-प्रदान सुनिश्चित करती है। लेकिन यह योजना अब तक अधूरी है। अधिकारियों के मुताबिक, इसे लागू करने में एक साल का समय लगेगा।

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