– विदेशी मेहमानों के किडनैपिंग की प्लानिंग
– पाक खुफिया एजेंसी ‘पीआईबी’ का अलर्ट
– टीम इंडिया वहां खेलने से कर चुकी है मना
सामना संवाददाता / मुंबई
पाकिस्तान में चल रही आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के खिलाड़ी खतरे में हैं। उनके ऊपर टूर्नामेंट के दौरान आतंकी हमला हो सकता है। आतंकी हमले की साजिश रचे जाने की सूचना पीआईबी (पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी) ने दी है। इस खुफिया एजेंसी को यह भी जानकारी मिली है कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन ‘आईएसकेपी’ (इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस) विदेशी मेहमानों का किडनैप भी कर सकता है। टूर्नामेंट पर इन तमाम आतंकी खतरे को देखते हुए ही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने यह अलर्ट जारी कर दिया है। हिंदुस्थान को विदेशी सुरक्षा एजेंसियों से पहले ही इस आतंकी हमले की इनपुट मिल चुकी थी इसलिए खतरे को देखते हुए टीम इंडिया को पाकिस्तान नहीं भेजा गया था।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के बाद पाकिस्तान में हो रहे इस आईसीसी टूर्नामेंट की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।
फिरौती मांग सकते हैं
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी का दावा है कि आतंकी संगठन ‘आईएसकेपी’ के निशाने पर खासतौर पर चीनी और अरब देशों के नागरिक हैं। यह भी सूचना मिली है कि विदेशी मेहमानों का किडनैप कर फिरौती के नाम पर मोटी रकम मांगी जा सकती है।
एयरपोर्ट व बंदरगाहों पर नजर
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘आईएसकेपी’ एयरपोर्ट, बंदरगाहों, और रिहायशी इलाकों पर नजर रखे हुए है। खुफिया जानकारी के मुताबिक, आतंकी समूह ‘आईएसकेपी’ शहर के उन बाहरी इलाकों में किराए पर घर लेने की फिराक में है, ताकि अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे सके।
इस्लामिक देश क्रिकेट से रहें दूर! …पाकिस्तानी आतंकी संगठन ‘आईएसकेपी’ की धमकी
पाकिस्तान में चल रहे चैंपियंस ट्रॉफी पर आतंकी हमले का खतरा है। इस बात का खुलासा खुद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ‘पीआईबी’ ने किया है। यह आतंकी हमला ‘आईएसकेपी’ कर सकता है। विदेशियों पर आतंकी हमलों को लेकर पहले से ही पाकिस्तान बदनाम है।
बता दें कि ‘आईएसकेपी’ का खूनी इतिहास रहा है और पहले कई गंभीर हमलों से इस संगठन का नाम जुड़ा है। यह संगठन क्रिकेट को इस्लाम के खिलाफ बताता है। साल २००९ में लाहौर में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर जानलेवा हमला हुआ था। बीते साल २०२४ में आतंकी संगठन ‘आईएसकेपी’ से जुड़े एक आतंकी ने वीडियो जारी कर दावा किया था कि क्रिकेट मुसलमानों के लिए ठीक नहीं है। यह पश्चिमी सभ्यता को हवा देता है। ऐसे में इस खेल को इस्लामी देशों में बंद किया जाना चाहिए।