उमेश गुप्ता / वाराणसी
सांसद वीरेंद्र सिंह ने सोमवार को अर्दली बाजार के टैगोर टाउन स्थित अपने आवास पर पत्रकारों को बताया कि लगातार प्रयास के बावजूद आज लगभग 8, 9 महीने बीत गए और केंद्र सरकार के द्वारा बनाए गए नियम, जिसमें साल में चार बार दिशा कमेटी की बैठक होनी चाहिए, लेकिन एक भी बैठक नहीं हो सकी। दिशा कमेटी एक ऐसी कमेटी होती है, जिसके माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा जो योजनाएं चलाई जाती हैं, उन योजनाओं की समीक्षा की जाती है, ताकि योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंच सके। यह भी तय किया जाता है कि अधिकारी जनहित में कार्य कर रहे हैं अथवा नहीं।
विशेष रूप से मनरेगा में जो मजदूर हैं, उनका भुगतान सही मिल रहा है या नहीं। प्रधानमंत्री आवास और चिकित्सा व्यवस्था से लेकर वह तमाम योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री द्वारा कई गांव गोद लिए गए हैं, उस गांव की स्थिति क्या है? इस संदर्भ में कई पत्र प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास मंत्री सहित आयुक्त मंडल और जिलाधिकारी को लिख चुका हूं, परंतु इसका अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। उन्होंने बहुत प्रमुखता के साथ बताया कि आज के मौलिक समय में जहां गरीबों के पास खाने के लिए अन्न नहीं है। वहीं उत्तर प्रदेश में शराब नीति का उल्लंघन करते हुए गरीब समाज खासकर बिंद, बियार, मल्लाह आदिवासी बनवासी एवं अनुसूचित जातियों के बस्तियों के बीच देसी शराब ठेका खोलने का लाइसेंस दिया जा रहा है।
यदि आप पता करेंगे तो चंदौली के ऐसे सभी ग्राम सभाओं के शराब ठेके के मालिक भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं और उनके पीछे जो शक्तियां हैं वह शराब से जुड़े बड़े-बड़े माफिया हैं। इनका उपयोग 2027 के विधानसभा चुनाव एवं आगामी पंचायत चुनाव में शराब पाठ कर वोट लूटने वह उनका वोट प्रभावित करने की मंशा है। इलेक्शन कमीशन से मिलकर इस संदर्भ में गहराई से जांच करने की मांग करेंगे और बीजेपी की साजिश का पर्दाफास भी करेंगे।