रथ का सारथी

 

जीवन को मिला एक पथ
जिसमे मिला एक रथ
सारथी चला मार्ग दर्शक बनने
चुनौतियों की तस्वीर से रुबरु कराने
शह और मात के दर्शन कराने
काटें फूल धूल शूल से गुजरना था
उद्देश्य पाने का सामान ढूंढना था
कोने कोने की गहराइयों में झांका
तो कही फुलझड़ी तो कही कांटो की लडी ने चहरा दिखाया
कितना जतन किया रत्न पाने का फिर भी हाथ पतन ही लगा
पर हार न माना आगे चलने का प्रण बनाया
फते हासिल कर चैन की सांस सारथी को आती
उसका दृष्टीकोण था बहुत बड़ा
कई पहलू से भरा
अंतिम था या आरंभ था उसको नहीं था पता
बस लिए जा रहा था रथ को सोच कर अच्छा परिणाम

अन्नपूर्णा कौल, नोएडा

अन्य समाचार

चेतावनी