मुख्यपृष्ठनए समाचारछोटे राणे ने फिर मारी द्वेष की `फुफकार' ...विपक्षी सरपंचों को नहीं...

छोटे राणे ने फिर मारी द्वेष की `फुफकार’ …विपक्षी सरपंचों को नहीं देंगे फंड! …एक सम्मेलन में कहा, निधि चाहिए तो भाजपा में आओ

सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति सरकार में अक्सर विवादास्पद बयान देने वाले मंत्री नितेश राणे के सिर पर सत्ता का नशा चढ़ गया है। सत्ता के नशे में उनकी जुबान बार-बार फिसल जाती है। अब इस छोटे राणे ने फिर द्वेष की फुफकार मारी है। उन्होंने कहा है कि जिला नियोजन का विकास निधि या सरकार का फंड हो उसे महायुति का काम करने वाले कार्यकर्ताओं के गांव को प्राथमिकता के आधार पर दिया जाएगा। वहीं महाविकास आघाड़ी के सरपंच वाले गांव को एक रुपए का भी फंड नहीं दिया जाएगा।
भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण की मुख्य उपस्थिति में कुडाल में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में बोलते हुए मंत्री नितेश राणे ने अपने दिमाग के सभी तारे तोड़ दिए। उन्होंने कहा कि इस साल की निधि खत्म होते ही वे ३१ मार्च के बाद गांव की सूची लेकर बैठ जाएंगे। उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा कि महाविकास आघाड़ी के सरपंच पदाधिकारी जहां-जहां होंगे, उन गांवों को एक रुपए भी निधि नहीं दी जाएगी।
राणे ने कहा कि जिसे भी गांव का विकास करना हो, निधि चाहिए हो तो भाजपा में शामिल हो जाए, नहीं तो गांव में विकास कार्य नहीं होंगे। हमारा कार्यक्रम सरल और स्पष्ट है। हम हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठते। यह भाषण सुनकर अगर किसी को कुछ कहना हो तो अभी बोल दे। राणे ने कहा कि महायुति का झंडा गांव में नहीं दिखा तो निधि बंद। चिल्लाते रहो मेरे नाम से, कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारा बॉस ऊपर मजबूती से बैठा है। मुझे कोई चिंता नहीं है।
‘मुख्यमंत्री को मंत्रियों को समझाना चाहिए’
राकांपा (शरदचंद्र पवार) के विधायक रोहित पवार ने कहा कि जहां-जहां विरोधी पक्ष के सरपंच होंगे, उन गांवों को एक रुपया भी नहीं देंगे। जिन्हें निधि चाहिए हो उन्हें पक्ष में प्रवेश करना चाहिए, इस तरह की मंत्री महोदय की भाषा सुनकर लगता है कि उन्होंने मंत्री पद की शपथ लेते समय शपथ का पाठ ध्यान से नहीं पढ़ा या वे संवैधानिक शपथ भूल गए हैं। अगर मंत्री ही इस तरह संविधान की धज्जियां उड़ाएंगे तो संविधान की आलोचना क्यों नहीं होगी? उन्हें संवैधानिक जिम्मेदारी समझकर मंत्रियों की तरह व्यवहार करना चाहिए। मुख्यमंत्री महोदय अपने मंत्रियों को समझाएंगे, ऐसी उम्मीद है।

‘लोगों को खुली धमकी’
कांग्रेस की मुंबई अध्यक्ष व सांसद वर्षा गायकवाड ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी पसंद का नेतृत्व, लोकप्रतिनिधि चुनने का अधिकार है। नितेश राणे का यह बयान संवैधानिक अधिकार का मजाक उड़ाने वाला है। उन्होंने कहा कि आप हमारे पक्ष में शामिल होंगे, तभी हम पैसे देंगे, ऐसा बयान केवल एक बुरी सोच ही नहीं है, बल्कि लोगों को एक तरह की खुली धमकी है। मंत्री पद की शपथ लेते समय संविधान के अनुसार दी गई निष्पक्षता के आश्वासन का भी यह उल्लंघन है।

अन्य समाचार