सामना संवाददाता / मुंबई
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कल अपने ही मंत्री से नाराज हो गए। वे इस बात से नाराज थे कि कैबिनेट बैठक से पहले ही बैठक का एजेंडा लीक हो गया था। उन्होंने इस मामले पर अपने साथी मंत्रियों को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई। मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके, उन्होंने मंत्रियों को उनकी गोपनीयता की शपथ की भी याद दिलाते हुए चेतावनी दी कि अगर इसके बाद भी स्थिति नहीं रुकी तो कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अधिकारियों पर भी गोपनीयता भंग करने पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक का एजेंडा छापना गलत है। बैठक होने से पहले कुछ लोग एजेंडा छाप रहे हैं। इस बारे में मैंने मंत्रियों को भी कहा है। मंत्रियों को अपने कार्यालयों को बैठक से पहले एजेंडा न छापने के लिए कहना चाहिए, अन्यथा मुझे कार्रवाई करनी पड़ेगी। यह एजेंडा गोपनीय होता है।
नहीं है कुछ गलत
उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक चिकित्सा कक्ष स्थापित किया है। इस पर बोलते हुए फडणवीस ने कहा कि चिकित्सा कक्ष मैं भी चलाता था। इसमें कुछ गलत नहीं है। उप मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किए गए चिकित्सा कक्ष में कुछ भी गलत नहीं है।
बेघर होंगे निवासी
कल्याण-डोंबिवली मनपा परिसर में आवास के मुद्दे पर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि यहां बोगस महारेरा मामले में साढ़े छह हजार निवासियों के बेघर होने की संभावना है। इस संबंध में उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है। इसके बाद मनपा ने ४८ इमारतों के निवासियों को अगले १० दिनों में घर खाली करने का नोटिस भेजा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कल्याण-डोंबिवली के संबंध में मैं खुद बैठक बुला रहा हूं। यहां जरूरतमंद लोगों के घर वैâसे बचाए जा सकते हैं, इस पर विचार किया जाएगा। इसके लिए हम सर्वोच्च न्यायालय में भी जाएंगे।