रवीन्द्र मिश्रा / मुंबई
क्या कोई बच्चा किसी का भविष्य बदल सकता है तो लोग पूछेंगे कि यह कैसे हो सकता है। लेकिन सच है कि एक बच्चे से प्रेरित होकर मंजू गुप्ता ने देशभर के कैंसर मरीजों को हर तरह की मदद कर उन्हें स्वावलंबी बनाने का बीड़ा उठा लिया और इस कार्य से उनकी तकदीर बदल गई। यह कहानी उस मुहावरे को चरितार्थ करती है जिसमें कहा गया है कि कर भला तो हो भला। महालक्ष्मी स्थित कैंसर पीड़ित एंड एसोसिएशन की प्रमुख मंजू गुप्ता ने बताया कि यह उन दिनों की बात है जब हिंदुस्थान में पहली बार दूरदर्शन शुरू हुआ था। पढ़ाई पूरी करने के बाद मुझे दूरदर्शन पर उद्घोषिका का काम मिला। कुछ दिन के बाद मुझे डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसी सिलसिले में मुझे जे जे अस्पताल जाना पड़ा। वहां जाकर देखा कि एक 12 वर्ष का लड़का अपनी पिता की लाश के पास बैठ कर रो रहा था। उसके पास कोई नहीं था। पूछने पर पता चला कि पिता के सिवा उसका कोई नहीं था। अब वह अनाथ हो गया है। मुझे उस पर दया आई। मैंने उसकी मदद करने की ठानी। पूछा कि बड़े होकर क्या बनना चाहते हो। उसने कहा कि पिताजी हैदराबाद में टेलर का काम करते थे। मैं भी वही काम करना चाहता हूं। मैंने उसे एक टेलरिंग काॅलेज में एडमिशन दिला दिया। दूरदर्शन पर काम करने के बाद मैं अमेरिका चली गई। वहां से आने के बाद मुझे कैंसर पीड़ित मरीजों की सेवा करने का मौका मिला। मैं कैंसर पीड़ित एड असोसिएशन CPAA से जुड़ी। तब मैंने एक मरीज और एक मशीन लेकर कैंसर मरीजों की सेवा में जुट गई। आज सीपीएए से मदद पाकर 35 हजार से भी अधिक कैंसर पीड़ित लाभान्वित हो चुके हैं। हम उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए अलग-अलग हुनर सीखाते हैं। आज हमारे सेंटर पर 20 अत्याधुनिक सिलाई मशीनें तथा 60 कैंसर पीड़ित मरीज जो अब उस बीमारी पर विजय पा चुके हैं, काम कर रहे हैं। हम उनमें छुपी कला देख कर उनको ट्रेनिंग देकर उन्हें स्वावलंबी बनाने का काम करते हैं। इस कार्य में देश-विदेश के पंचतारा होटल हमारी मदद करते हैं। हमें उनसे जो आर्डर मिलते हैं उसे हम उन्हें सप्लाई कर कैंसर मरीजों की मदद करते हैं। हमारे यहां मिट्टी से बने दीया, पोट्रेट, नेपकीन, देवी-देवताओं की मिट्टी से बनी मूर्तियां, लकड़ी से बने छोटे झूले, जूते रखने के लिए कपड़े के बैग सहित विभिन्न प्रकार के सामान बना कर हम पंच सितारा होटलों, सामाजिक संस्थाओं, बड़े कॉरपोरेट घरानों को सप्लाई करते हैं। जिससे कैंसर पीड़ित मरीजों के इलाज तथा उनके परिवारों को पुनर्वसन करने में हमें मदद मिलती है। हमारे इस कार्य में समाज सेविका सुमन अग्रवाल हमारा हाथ बंटा रही है।