मुख्यपृष्ठअपराधदो साल तक हॉस्पिटल में पोंछा लगाएंगे बाल अपराधी

दो साल तक हॉस्पिटल में पोंछा लगाएंगे बाल अपराधी

सामना संवाददाता / झुंझुनू

राजस्थान में झुंझुनू के बाल न्यायालय ने दो बालकों को दो साल तक अस्पताल में साफ-सफाई का कार्य करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही न्यायालय ने दोनों पर दस-दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। सेशन न्यायाधीश दीपा गुर्जर ने बालक ’ए’ और ’पी’ को हिंसा करने और कैंपर गाड़ी से टक्कर मारकर वैन को क्षतिग्रस्त करने के मामले में यह निर्णय सुनाया। न्यायालय ने दोनों बालकों को आदेश दिया कि वे अगले दो वर्षों तक राजकीय चिकित्सालय के वार्ड, किचन और अन्य स्थानों पर अवैतनिक साफ-सफाई का कार्य करेंगे। इस दौरान उन्हें फर्श पर पोंछा लगाने का काम भी सौंपा जाएगा। यह कार्य एक सप्ताह में कम से कम 30 घंटे का होगा। दोनों बालक यह कार्य सीएमएचओ के निर्देशन एवं देखरेख में करेंगे। इसकी रिपोर्ट हर तीन महीने में सीएमएचओ व परिवीक्षा अधिकारी को न्यायालय में पेश करनी होगी।
संदीप कुमार ने 7 मई 2020 को बगड़ थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि ग्राम पंचायत प्रतापपुरा के शराब ठेके का लाइसेंस उसके नाम था। दुकान झुंझुनू रोड पर मठ बस स्टैंड के पास है। 7 मई 20 की सुबह वह रवींद्र व सैल्समेन मंजीत सिंह के साथ ठेके पर आया। जैसे ही दुकान खोली वहां तीन बिना नंबरों की कैंपर गाड़ी आई। इनमें बैठे लोगों ने आते ही उन तीनों पर जान से मारने की नीयत से फायरिंग शुरू कर दी, फिर उन्होनें दुकान मे घुसकर कांउटर पर रखी शराब की बोतलों में तोड-फोड़ की तथा पिस्टल दिखाकर बिक्री के डेढ़ लाख रुपए भी ले गए। वहां खड़ी वैन को टक्कर मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस ने मामले की जांच की और डकैती के आरोप में दोनों बालकों के खिलाफ आरोप पत्र किशोर न्याय बोर्ड में पेश किया। बाद में यह मामला बाल न्यायालय में भेजा गया।
न्यायाधीश ने दोनों बालकों को डकैती के आरोप से बरी कर दिया, लेकिन उनके खिलाफ अन्य अपराधों को सिद्ध करते हुए उन्हें अस्पताल में साफ-सफाई का काम सौंपने का निर्णय लिया। न्यायाधीश ने बालकों के सामुदायिक सेवा कार्य के साथ ही जुर्माना लगाने का आदेश दिया और दोनों को 10 फरवरी 2025 को परिवीक्षा अधिकारी और सीएमएचओ के समक्ष पेश होने के लिए कहा है। बालकों के सामुदायिक सेवा कार्य की रिपोर्ट हर तीन महीने में न्यायालय में पेश करनी होगी।

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