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तपती धूप में स्कूल जाने को बच्चे होंगे मजबूर …अभिभावकों की वैकेशन प्लानिंग हुई बर्बाद!

अचानक सत्र के समय में फेरबदल से लोगों को होगा लाखों का नुकसान

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
महाराष्ट्र बोर्ड के स्कूलों में अब तक १५ जून से शुरू होने वाले शैक्षणिक वर्ष अगले साल एक अप्रैल से शुरू करने की तैयारी शिक्षा विभाग की तरफ से किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि नए शैक्षणिक वर्ष में स्कूलों को सीबीएसई कैलेंडर के मुताबिक चलाया जाएगा। हालांकि, इस फैसले ने न केवल अभिभावकों को, बल्कि बच्चों को भी चिंता में डाल दिया है, क्योंकि अप्रैल महीने से ही गर्मी की शुरुआत होती है। इसके बाद मई महीने में गर्मी अपने चरम पर रहती है। ऐसे समय में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने से बच्चे त्रस्त होंगे। दूसरी तरफ अप्रैल में ग्रीष्मकालीन अवकाश होने से यूपी, बिहार और कई अन्य राज्यों में विवाह समारोहों के आयोजन अक्सर गर्मियों में ही होते हैं, साथ ही कई ऐसे परिवार होते हैं, जो गर्मियों में घूमने-फिरने बाहर जाते हैं। कुल मिलाकर यदि गर्मियों में स्कूल खुलते हैं तो न तो कोई गांव जा सकेगा और न ही कोई छुट्टी मना सकेगा।

फैसले पर जता रहे असहमति
महाराष्ट्र राज्य बोर्ड के स्कूलों के लिए प्रस्तावित नए शैक्षणिक कैलेंडर पर राज्य के शिक्षक भी अपनी असहमति जता रहे हैं। अभिभावक राकेश हरिजन ने कहा कि अब तक स्कूल की ग्रीष्मकालीन छुट्टियां अप्रैल से शुरू हो जाती थीं। लेकिन नए शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत ही अप्रैल से शुरू हो रही है। ऐसे में अब गर्मियों के मौसम में मुलुक जाने पर ब्रेक लग जाएगा, क्योंकि उसी समय स्कूल खुल जाएगा। इसके साथ ही रिश्तेदारों के यहां शादी समारोह में शरीक हो पाना भी संभव नहीं हो सकेगा। इसलिए सरकार को इस पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए। वहीं उल्हासनगर के रहनेवाले राजेश करोसिया का कहना है कि हम हर साल बच्चों के साथ अपने गांव जाते हैं, लेकिन इस निर्णय से हम गांव नहीं जा सकेंगे। इस फैसले से महेश पारचे भी नाराज हैं। वे कहते हैं कि अब एक अप्रैल से ही बच्चों के स्कूल शुरू हो जाएंगे। अगले साल अप्रैल माह में ही मेरे भाई के बिटिया की शादी है, मुझे सपरिवार जाना है। अगर बच्चों का स्कूल खुला रहेगा तो हम कैसे जाएंगे?

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