सामना संवाददाता / भोपाल
मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में वीवीआईपी बंगले बनाने के कारण करीब २७,००० से अधिक पेड़ों पर खतरा मंडरा रहा है, जिसके बाद इन पेड़ों को बचाने के लिए लोग आगे आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि वे ‘चिपको आंदोलन’ की तरह ही एक विरोध प्रदर्शन शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, मध्य प्रदेश सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को कहा कि ऐसी किसी योजना को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। पिछले दस दिनों से शहर के लोग विधायकों और नौकरशाहों के लिए बंगले बनाने की योजना के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। यह बंगले एमपी हाउसिंग बोर्ड द्वारा शिवाजी नगर और तुलसी नगर में बनाए जाएंगे। यह क्षेत्र शहर के सबसे हरे-भरे इलाकों में से एक है। अभियान का नेतृत्व करने वालों में शामिल एक पर्यावरण कार्यकर्ता डॉ. सुभाष पांडेय ने कहा कि वे आंदोलन पर सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार करेंगे। अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो हम चिपको आंदोलन की तरह विरोध प्रदर्शन शुरू करने पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए २७ हजार से अधिक पेड़, जिनमें से सत्तर प्रतिशत विरासत में मिले पेड़ हैं, काटे जाने वाले हैं।