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सिटीजन रिपोर्टर : अंबरनाथ अग्निकांड : अब तक नहीं मिली प्रभावितों को सरकारी राहत!

अंंबरनाथ
अंबरनाथ (पूर्व) के आनंद एमआईडीसी मार्ग की बस्ती में विगत दिनों भीषण अग्निकांड के बाद सिलिंडर में विस्फोट हो गया। इस विस्फोट में किसी की मौत तो नहीं हुई, परंतु इस विनाशकारी अग्निकांड में करीब ४६ गरीब परिवारों की गृहस्थी जलकर खाक हो गई। इस घटना को हुए आज दस दिन हो गए हैं। कई स्थानीय समाजसेवक और नेताओं ने यहां दौरा तो किया, लेकिन किसी ने भी परेशान परिवारों को किसी भी तरह की मदद नहीं पहुंचाई। विगत दस दिनों से गुणवंत कामगार सेवा संस्था खाना बनाकर पीड़ित परिवारों को देती आ रही है। ‘दोपहर का सामना’ के सिटीजन रिपोर्टर काका जागे ने मददगारों से अग्निकांड से प्रभावित परिवारों की व्यथा का वर्णन किया है।
काका जागे ने बताया कि इस अग्निकांड में ४६ परिवारों के घर का सारा सामान जलकर खाक हो गया। घर का सारा सामान जल जाने से पीड़ितों के सामने एक नई विकट परिस्थिति आ गई है। खुले आसमान के नीचे ठंड में जीवनयापन कर रहे लोगों की दशा की जानकारी मिलते ही गुणवंत कामगार सेवा संस्था के लोग आगे आए। संस्था के लोग अग्निकांड से पीड़ित लोगों को दस दिनों से खाना बनाकर दे रहे हैं। संस्था की तरफ से कपड़े और राशन की व्यवस्था भी की गई है। अब खाना पकाने के लिए गैस व बर्तन की आवश्यकता है। अंबरनाथ के तमाम स्वघोषित नेताओं ने राजनीतिक दौरा तो किया, परंतु स्थायी खाने की व्यवस्था करने में विफल रहे। वैसे अंबरनाथ शहर में तमाम सामाजिक संस्थाओं के लोग रहते हैं, जिन्हें ऐसे समय पर आगे आकर इन गरीबों को जरूरत की चीजें प्रदान कर इनकी मदद करनी चाहिए। सरकार की तरफ से ऐसे जरूरतमंद लोगों को तत्काल मदद मिलनी चाहिए, लेकिन आज दस दिन हो गए इन्हें किसी तरह की मदद मिलती नहीं दिखाई दे रही है। अभी हाल ही में शिव मंदिर परिसर में हुए कार्यक्रम में कई बड़े-बड़े लोग शामिल हुए, परंतु खेद इस बात का है कि किसी ने भी आग से पीड़ित परिवारों की सुध नहीं ली। इतना ही नहीं, आज दस दिन से आग में अपना सब कुछ गवां चुके लोगों के पास तक सरकार की तरफ से भी मदद नहीं पहुंच सकी है। ठाणे के जिलाधिकारी व अंबरनाथ के तहसीलदार को आपातकालीन राशि से अग्निकांड से पीड़ित लोगों की मदद करने के लिए आगे आना चाहिए। काका जागे ने शहर के समाजसेवी लोगों से भी अपील की है कि अग्निकांड में पीड़ित लोगों को, जो जिस योग्य हो वो उनकी मदद के लिए आगे आए। कहा गया है कि मानव सेवा ईश्वर सेवा से भी बड़ी सेवा मानी जाती है। मानव की सेवा कर ईश्वर की सेवा का पात्र बनें।

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