मुख्यपृष्ठनए समाचारसिटीजन रिपोर्टर : पाइपलाइन में अवैध नल लगाकर अतिक्रमणकारी भरते हैं पानी

सिटीजन रिपोर्टर : पाइपलाइन में अवैध नल लगाकर अतिक्रमणकारी भरते हैं पानी

मुलुंड। मुलुंड शहर में अवैध गतिविधियों का तांता लगा हुआ है। शहर में अवैध काम जोरों पर चल रहा है, लेकिन मनपा इन कामों पर रोक लगाने में लाचार साबित हो रही है। मुलुंड (पूर्व) में मनोरंजन पार्क के सामने, डेस्टिनी हाइट्स के निकट, वीर सावरकर मार्ग पर अतिक्रमणकारियों द्वारा अप्राप्य जल पाइपलाइन का अवैध रूप से दोहन किया जा रहा है। अतिक्रमणकारी प्रतिदिन यहां पानी के पाइपलाइन में अवैध नल लगाकर पानी भरते हैं। सड़क के बगल में इस तरह से नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, लेकिन मनपा को इस बात की जरा भी भनक नहीं है। ‘दोपहर का सामना’ के सिटीजन रिपोर्टर सुमित पाटील द्वारा मनपा के इस लापरवाह कारनामे को प्रकाश में लाया गया है।
सुमित पाटील ने बताया कि मनपा के अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही से शहर का एक बिगड़ा हुआ दृश्य देखने को मिल रहा है। अतिक्रमणकारी हर दिन यहां सुबह ६.३० से ७.३० बजे के बीच पानी भरने के लिए इकट्ठा होते हैं, जिसकी वजह से सड़क पर पानी जमा हो जाता है। मनपा के कर्मचारी और अधिकारी भी इस सड़क से गुजरते हैं, लेकिन उन्हें यह दिखाई नहीं देता है। मनपा विभाग शायद इस तरीके के अवैध कामों पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करना चाहता है इसलिए वह इसकी अनदेखी कर रहा है। इतना ही नहीं आसानी से पानी मिल जाने की वजह से ही यहां झुग्गी-झोपड़ी भी बसनी शुरू हो गई है। एक तरफ जहां चुनाव का दिन नजदीक है, वहीं इस तरह की लापरवाही मनपा के काम पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। मनपा के इस कारनामे को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि उसकी अवैध गतिविधियों को रोकने की इच्छाशक्ति कम हो गई है।
मनपा की लापरवाही सिर्फ यहीं खत्म नहीं होती है। इसी मार्ग पर मनोरंजन पार्क के सामने हाल ही में सड़क की नींव रखी गई है। सड़क का हाल ऐसा है कि वो अभी से खिसकना शुरू हो गई है। सड़क को बनाने के लिए खराब मटेरियल का प्रयोग किया गया है, जिसकी वजह से सड़क कुछ ही दिन में फटने लगी है। इस सड़क को बनाने के लिए किसी भी प्रकार के पत्थर का उपयोग नहीं किया गया है। नीचे ढीली मिट्टी की वजह से सड़क फट गई है। मानसून करीब है और इस सड़क को देखकर ऐसा लगता है कि यह एक भी मानसून नहीं झेल पाएगी। क्या अब मनपा द्वारा नियुक्त ठेकेदार इस तरीके से सड़कों का निर्माण कर रहे हैं कि कुछ ही दिन में सड़क की दुर्दशा देखने को मिल रही है। ठेकेदार जल्दबाजी में केवल तारकोल बिछाकर सड़कों का निर्माण कर देते हैं, जिससे कुछ दिनों में ही सड़क धंस जाती है।

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