मुख्यपृष्ठखेलक्लीन बोल्ड : गंभीर को विलन मत बनाओ!

क्लीन बोल्ड : गंभीर को विलन मत बनाओ!

अमिताभ श्रीवास्तव

हालांकि, इसमें सीधा-सीधा हाथ कोच का नहीं होता, मगर सुर्खियां गौतम गंभीर को विलन बनाने पर तुली है। हालात ऐसे हो गए हैं कि अब टीम के खिलाड़ी अपने कोच का साथ देंगे, इसमें भी संदेह पैदा होने लगा है। यह सच है कि गंभीर एक अलग स्वभाव के व्यक्ति हैं, मगर इतना भी नहीं कि टीम व्यवस्था के हर मामले में उनकी टांग अड़े। यह समझना जरूरी है कि चयन मामले में कोच और कप्तान की केवल राय ली जाती है। कप्तान किसे बनाना है, किसे नहीं यह पूरा जिम्मा चयनकर्ताओं के हाथ में होता है। कोच महज अपनी सलाह देता है, जिसे मानना न मानना सिलेक्टर्स के हाथ में है। अब हो यह रहा है कि लगभग प्रत्येक खबरों में चलाया जा रहा है कि गंभीर को ये पसंद है, उन्हें वो पसंद है, वो ऐसा चाहते हैं, वैसा चाहते हैं, उन्हें फलाना खिलाड़ी पसंद है, उन्हें ढिमका पसंद है और उनके ही हिसाब से टीम बनेगी। यह सब फिजूल बातें होती है, क्योंकि कोच का काम उसे दी गर्इं टीम को कोचिंग देना होता है न कि सिलेक्टर्स के काम में टांग अड़ाना। गंभीर को विलन बनाना बंद करना चाहिए। ऐसे में टीम सदस्यों में ही दरार पड़ जाएगी और टीम इंडिया के लिए यह सुखद नहीं होगा।
जिनका मामला वो निपटे
पता नहीं क्यों किसी के निजी मामले में लोगों को बड़ी रुचि होती है। अब देखिए न हार्दिक पंड्या और नताशा के मध्य चल रहे संबंधों को लेकर खूब सुर्खियां है, मगर दोनों ने अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है कि वे आखिर चाहते क्या हैं? मगर लोग हैं कि उनके तलाक से लेकर हर पल की खबरों में इंट्रेस्ट ले रहे हैं, जबकि हार्दिक ने संकेत भी दिए कि उनके निजी मामले में कोई हस्तक्षेप न करे। मगर कोई यह मानने को तैयार नहीं। वैसे जब कोई चीज सार्वजनिक मंच पर बताई जाती है तो उसकी चर्चा होती ही है। नताशा पिछले कुछ दिनों से यही कर रही है। अब देखिए न इंस्टाग्राम पर नताशा ने एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने अपने लगेज बैग की तस्वीरें शेयर की हैं। फोटो के साथ नताशा ने एक क्रिप्टिक नोट भी लिखा है। उनकी पोस्ट ने पैंâस को कन्फ्यूज कर दिया है। उन्होंने अपने हालिया पोस्ट में सूटकेस की तस्वीर पोस्ट की, जिस पर लिखा है ‘यह साल का वह समय है’, साथ ही प्लेन और घर के इमोजी भी पोस्ट किया जो उनके होम टाउन सर्बिया वापस जाने की ओर का इशारा कर रहे हैं। वहीं उन्होंने आंसू से भरी एक इमोजी भी शेयर किया है पर जिनका मामला है उन्हें ही निपटाने दिया जाए तो बेहतर होता है।
असंभव हुआ संभव
क्रिकेट खेल ही ऐसा होता है, जिसमें आखिरी बाल तक कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। यदि कर भी दी जाए तो ऐसा होता है, जैसा यहां हुआ। जी हां, यूरोप में भी अब क्रिकेट घुस गया है। यूरोपियन क्रिकेट के टी-१० टूर्नामेंट हुआ, जहां ऑस्ट्रिया ने रोमानिया के खिलाफ जीत दर्ज की, मगर यह जीत असम्भव से संभव हुई। जी हां, १२ गेंदों में ६१ रन चाहिए थे। बन गए। लगभग हार चुकी ऑस्ट्रेलिया ने वह कर दिखाया, जो शायद असंभव था। उसने ११ गेंदों में ही ६१ रन बना लिए। रोमानिया ने १० ओवर में १६८ रनों का टोटल बोर्ड पर लगाया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रिया की टीम लड़खड़ाती हुई दिखाई दी। टीम ने ८ ओवर में ३ विकेट पर सिर्फ १०७ रन बोर्ड पर लगाए थे। अब यहां से टीम को जीत के लिए आखिरी २ ओवर में ३०.५ के रनरेट से ६१ रनों की दरकार थी। यहां से ऑस्ट्रिया की जीत असंभव लगने लगी थी। टीम के लिए आकिब इकबाल ८ ओवर तक ९ गेंदों में २२ रन बनाकर खेल रहे थे। फिर आखिरी २ ओवर में आकिब ने ऐसा कमाल किया कि उनका स्कोर १९ गेंदों में ७२ङ रन हो गया और ऑस्ट्रिया को ७ विकेट से जीत मिल गई। आकिब के बल्ले से २ चौके और १० छक्के निकले थे। हुआ गजब।

(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)

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