मुख्यपृष्ठखेलक्लीन बोल्ड : क्या ये झटका तो नहीं?

क्लीन बोल्ड : क्या ये झटका तो नहीं?

अमिताभ श्रीवास्तव

आज सुपर एट में टीम इंडिया अपने पहले मैच का आगाज करेगी। अफगानिस्तान से भिड़कर, मगर इसके पहले जो खबर आ रही वो चौंकानेवाली है कि क्या सूर्यकुमार यादव प्लेइंग इलेवन में होंगे? क्या वो चोटिल हो गए हैं? दरअसल, वर्ल्ड नंबर १ टी-२० बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव चोटिल हो गए हैं। सूर्यकुमार को नेट प्रैक्टिस के दौरान चोट लगी। थ्रोडाउन का सामना करते हुए गेंद उनके हाथ पर जा लगी। हालांकि, तुरंत फिजियो ने उन्हें देखा और ट्रीटमेंट दिया। इस दौरान सूर्या काफी दर्द में नजर आए। चोट कितनी गंभीर है अभी इसको लेकर टीम मैनेजमेंट की तरफ से कोई आधिकारिक अपडेट नहीं आया है। हालांकि, पेनकिलर स्प्रे के बाद सूर्या फिर से नेट्स में दिखे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि आज सूर्यकुमार टीम के साथ दिखते हैं या नहीं? यदि नहीं दिखेंगे तो इसे बड़ा झटका बड़े मैचों के शुरू होने से पहले माना जाएगा।

आलोचना का बादशाह
यह टी-२० विश्वकप कुछ ऐसे खिलाड़ियों के लिए भी यादगार रहेगा, जो संन्यास लेनेवाले हैं। इसमें से एक हैं ऑस्ट्रेfिलया के डेविड वॉर्नर, जिन्हें आलोचनाओं का बादशाह भी कहा जाता है। अपने पूरे करियर में वॉर्नर की जितनी आलोचना हुई है, उतनी शायद किसी अन्य क्रिकेटर की नहीं हुई होगी। इस बात को खुद वॉर्नर भी समझते हैं, तभी तो कहते हैं कि उनके अलविदा कहने के बाद उन्हें याद रखा जाएगा। जी हां, ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर इस बात से राहत महसूस कर रहे हैं कि वे यहां होनेवाले टी-२० विश्वकप के बाद संन्यास ले लेंगे। उन्हें उम्मीद है कि ‘वास्तविक क्रिकेट प्रेमी’ उन्हें ऐसे खिलाड़ी के रूप में देखेंगे, जिसने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से खेल को बदलने की कोशिश की, जबकि वह ‘एकमात्र ऐसे खिलाड़ी’ हैं, जिसे आलोचनाओं से जूझना पड़ा। ३७ साल के वॉर्नर को २०१८ के ‘सैंडपेपर गेट’ प्रकरण में शामिल होने के कारण क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने एक साल के लिए प्रतिबंधित किया था, लेकिन राष्ट्रीय टीम में वापसी के बाद से उन्हें काफी सफलता मिली। वॉर्नर ने कहा, `मैं शायद अकेला ऐसा खिलाड़ी रहा हूं, जिसने बहुत आलोचना झेली है, चाहे वे लोग हों जो ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम को पसंद नहीं करते या मुझे पसंद नहीं करते।’

केन की नैतिकता
अब यह पाकिस्तानी बाबर आजम जैसे लालची और भूखे कप्तान क्या समझेंगे कि नैतिकता क्या होती है? यदि उसे देखना है तो वो न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन को देखें, जिन्होंने एक बड़ा पैâसला लिया है। टी-२० वर्ल्डकप २०२४ में कीवी टीम की असफलता के बाद उन्होंने व्हाइट बॉल क्रिकेट की कप्तानी छोड़ दी है। यानी अब वह न्यूजीलैंड की वनडे और टी-२० फॉर्मेट में भी अगुवाई नहीं करेंगे। यही नहीं खबरों की मानें तो उन्होंने न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट को भी ठुकरा दिया है। स्टार बल्लेबाज के इन दो बड़े पैâसलों से पैंâस सहमे हुए हैं। उनको डर सता रहा है कि कहीं वह टी-२० वर्ल्डकप में मिली असफलता के बाद कोई बड़ा निर्णय न ले लें। इसे कहते हैं पराजय के बाद एक लीडर की नैतिकता। वनडे और टी-२० से पहले ही केन विलियमसन टेस्ट फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ चुके हैं। उधर, बाबर आजम है कि अपनी कप्तानी बचाने के लिए गिड़गिड़ा रहा है और नपी-तुली बातें कर रहा है, जिससे बोर्ड नाराज न हो जाए।
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)

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