मुख्यपृष्ठस्तंभक्लीन बोल्ड : जीत का जश्न मौत में बदल गया

क्लीन बोल्ड : जीत का जश्न मौत में बदल गया

अमिताभ श्रीवास्तव

कितना हृदय विदारक दृश्य होता है वो जब कोई जीत के जश्न को मनाता हुआ अचानक मौत के मुंह में चला जाए। यह दु:खद घटना घटी कर्नाटक के ३४ वर्षीय क्रिकेटर के होयसला के साथ। होयसला की मैदान पर ही दिल का दौरा पड़ने से मौत होने का मामला सामने आया है। ये दर्दनाक घटना बंगलुरु के आरएसआई ग्राउंड में एजिस साउथ जोन टूर्नामेंट के तहत कर्नाटक बनाम तमिलनाडु मैच के दौरान घटी है। दरअसल, तमिलनाडु के खिलाफ जब कर्नाटक की टीम मैदान पर जीत का जश्न मना रही थी, तो अचानक होयसला को सीने में तेज दर्द हुआ और वे वहीं गिर पड़े। ऑन साइट डॉक्टरों ने तत्काल आपातकालीन उपचार दिया, लेकिन दुर्भाग्य से होयसला उसी अवस्‍था में रहे। इसके बाद उन्हें एंबुलेंस से बॉरिंग अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्‍हें मृत बताया। होयसला के आकस्मिक निधन से क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। खिलाड़ियों और अधिकारियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
क्रिकेट की सजना
यह सजना है, जो अब तक पर्दे से बाहर थी कि अचानक लाइमलाइट में आ गई। एक छक्का और सजना को लोग पहचानने लगे। वीमेंस लीग में मुंबई की सजना ने अपनी टीम को छक्का मारकर जीत दिलाई। दरअसल, मुंबई इंडियंस ने १५ लाख रुपए खर्च कर सजना सजीवन को अपनी टीम का हिस्सा बनाया था। सजना सजीवन कुरिचिया जनजाति समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। इस तरह सजना सजीवन वीमेंस प्रीमियर लीग में खेलने वाली दूसरी आदिवासी क्रिकेटर बन गई। इससे पहले पिछले साल केरल के वायनाड से आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली मिन्नू मणि वीमेंस प्रीमियर लीग में खेलीं थीं। सजना सजीवन का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। सजना सजीवन अपने बचपन के दिनों में मनंतवाडी के बाहरी इलाके में अपने घर के पास धान के खेतों में नारियल के पेटीओल से बने बल्ले और प्लास्टिक की गेंद से दोस्तों और चचेरे भाइयों के साथ मस्ती के लिए क्रिकेट खेलती थीं। इस खिलाड़ी को १७ साल की उम्र तक महिला क्रिकेट के बारे में पता नहीं था। लेकिन इसके बाद किस्मत ऐसी चमकी कि आज वीमेंस प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियंस जैसी बड़ी टीम के साथ जुड़ गईं और वो भी आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर सुर्खियों की रानी बन गईं।
इंतजार में पड़ा रिकॉर्ड
सबको उम्मीद थी कि कल ही कप्तान रोहित शर्मा एक रिकॉर्ड बना लेंगे मगर हाय री किस्मत सिर्फ नौ गेंद खेलकर २ रन पर ही वो आउट होकर चलते बने। यह सिर्फ उनकी ही नहीं बल्कि टीम के लिए भी बदकिस्मती रही। दरअसल, कल दूसरे दिन उम्मीद थी कि कप्‍तान रोहित शर्मा एक बड़ा रिकॉर्ड बना सकते हैं। वह अच्‍छी लय में भी नजर आ रहे थे और लग रहा था कि ऐसे में ये रिकॉर्ड वह आसानी से बना लेंगे। २०१३ में टीम इंडिया के लिए टेस्‍ट डेब्‍यू करने वाले रोहित शर्मा ११ सालों के बाद अब टेस्ट क्रिकेट में ४,००० रन से महज २२ रन दूर थे। इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में रोहित शर्मा सिर्फ २२ रन बनाते ही ४,००० रन बनाने वाले देश के १७ वें बल्लेबाज बन जाते। मगर सिर्फ दो रन बनाकर वैâच दे बैठे। मतलब अब २० रन दूर हैं वो और बात दूसरी पारी पर चली गई है। यूं तो उनका टेस्ट रिकॉर्ड जोरदार है। अगर रोहित शर्मा के टेस्‍ट करियर पर नजर डालें तो उन्‍होंने अभी तक ५८ टेस्‍ट की ९८ पारी में कुल ३,९८० रन बनाए हैं। ये रन रोहित शर्मा ने ४५.२० के शानदार औसत से बनाए हैं। इस दौरान रोहित शर्मा के बल्‍ले से १० शतक और एक दोहरा शतक निकला है। उन्‍होंने टेस्ट क्रिकेट में १६ अर्धशतक भी जड़े हैं। टेस्‍ट में रोहित शर्मा का बेस्ट २१२ रन है।
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)

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