अमिताभ श्रीवास्तव
क्या ग्वालियर में होनेवाले टी-२० मैच को नहीं होने दिया जाएगा? क्या टीम इंडिया बांग्लादेश से यहां नहीं खेल पाएगी? दरअसल, यह सवाल इसलिए पैदा हो गया है क्योंकि ग्वालियर वाले मैच को न होने देने की बात कही जा रही है। जी हां, इंडिया और बांग्लादेश के बीच पहले टी-२० मैच के लिए तैयार ग्वालियर में हिंदू महासभा ने मैच के दिन बंद का एलान किया है। यह मैच ६ अक्टूबर को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में खेला जाना है। ग्वालियर में टी-२० मैच के दिन बंद का आह्वान बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे कथित अत्याचारों के विरोध में किया गया है। चर्चा है कि हिंदू महासभा के उपाध्यक्ष ने साफ तौर पर कहा है कि यहां मैच नहीं होने दिया जाएगा। इस मैच को रद्द कर दिया जाए। बांग्लादेश की टीम के सामने विरोध प्रदर्शन होगा और फिर भी यदि मैच हुआ तो पिच खोद दी जाएगी। हालांकि, पुलिस ने पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की बात कही है। माधवराव सिंधिया मैदान पर १४ साल बाद कोई टी-२० मैच होना है, ऐसे में मैच पर काले बादल नहीं आने दिए जाएंगे। इसके लिए प्रशासनिक व्यवस्था सख्त की जा रही है।
काली मिट्टी पर काला जादू
काली मिट्टी पर चलेगा किसका काला जादू? यूं तो आज से शुरू होनेवाले कानपुर के दूसरे टेस्ट मैच रिकॉर्ड में टीम इंडिया और बांग्लादेश के बीच टेस्ट में अब तक १४ मैच हुए हैं, जिसमें इंडियन टीम को १२ मैचों में जीत मिली है। बांग्लादेश की टीम एक भी मैच नहीं जीत पाई है। दो मैच दोनों टीमों के बीच ड्रॉ रहे हैं। कानपुर की पिच काली मिट्टी की हाइवे, चेन्नई में लाल मिट्टी थी। यानि इस पर उछाल भी ज्यादा नहीं होगी और गेंद भी अधिक वैâरी नहीं करेगी। लाल मिट्टी की पिच अन्य पिच की तुलना में कम पानी सोखती है और इसी कारण जल्दी सूखने भी लगती है। यही कारण है कि मैच के तीन से चार सत्र के बाद पिच में बड़ी-बड़ी दरार पैदा हो जाती है। इस पिच पर मैच की शुरुआत में तेज गेंदबाजों को काफी उछाल मिलता है। एक समान उछाल के कारण बल्लेबाजों को भी सेट होने के बाद खेलने में आसानी होती है। मगर जैसे-जैसे मिट्टी में दरार आने लगती है, वैसे-वैसे स्पिन गेंदबाजों का पलड़ा भारी होता जाता है और खेल बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
घर बुलाकर लेंगे बदला
यह भी एक तरह से मौका है कि घर बुलाकर अपनी हार का बदला लिया जा सकता है। पेरिस ओलिंपिक में खराब अंपायरिंग की वजह से सेमीफाइनल में टीम इंडिया हॉकी को यूरोप की टीम जर्मनी से हार जाना पड़ा था। अब उसे अपने घर आमंत्रित किया गया है खेलने। जी हां, हिंदुस्थानी पुरुष हॉकी टीम २३ और २४ अक्टूबर को मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में जर्मनी के साथ दो मैचों की द्विपक्षीय शृंखला खेलेगी। हॉकी इंडिया ने यह घोषणा की। इंडिया ने पिछली बार जर्मनी का सामना पेरिस ओलिंपिक के सेमीफाइनल में किया था, जहां यूरोप की दिग्गज टीम ने ३-२ से जीत दर्ज की थी। हिंदुस्थान ने ओलिंपिक में तीसरे स्थान के प्ले ऑफ में स्पेन को हराकर कांस्य पदक जीता था। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने कहा, ‘जर्मनी के खिलाफ यह द्विपक्षीय शृंखला विश्व स्तरीय हॉकी का एक उल्लेखनीय प्रदर्शन होगी। इंडिया और जर्मनी दोनों का खेल में एक समृद्ध इतिहास है और यह शृंखला प्रशंसकों को दुनिया की दो सबसे मजबूत टीमों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने का अवसर देगी।’
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)