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सीएम पद गया, होम मिनिस्ट्री भी गई… अब शिंदे को ठाणे में झटका देगी बीजेपी! …आ गए हैं बड़े भाई की भूमिका में -केलकर

-शुरू की मनपा चुनाव की तैयारी

सामना संवाददाता / मुंबई
करीब ढाई साल मुख्यमंत्री रहने के बाद उपमुख्यमंत्री पद संभालने वाले एकनाथ शिंदे को अब भारतीय जनता पार्टी ने एक और झटका देने की तैयारी शुरू कर दी है। विधानसभा चुनाव में महायुति की प्रचंड जीत के बाद संभावना है कि अगले कुछ महीनों में राज्यभर में मनपाओं के चुनाव होंगे। ऐसे में बीजेपी एकनाथ शिंदे की शिवसेना को झटका देने की तैयारी में अभी से ही जुट गई है।
मुंबई मनपा से पहले ठाणे मनपा में शिवसेना ने जीत दर्ज की थी इसलिए ठाणे और शिवसेना का रिश्ता काफी गहरा है। ठाणे में शिवसेना का आज भी दबदबा कायम है। पहले आनंद दिघे और फिर एकनाथ शिंदे ने ठाणे में शिवसेना का दबदबा कायम रखा। ठाणे मनपा पर कई वर्षों से शिवसेना का शासन रहा है। ठाणे मनपा पर कब्जा करने के लिए बीजेपी ने शिंदे के वर्चस्व को उनके ही गढ़ में मात देने की तैयारी शुरू कर दी है। विधायक संजय केलकर ने यह कहकर पार्टी के इरादे साफ कर दिए हैं कि ठाणे में बीजेपी का मेयर बनना हर कार्यकर्ता की चाहत है। कार्यकर्ता अपने दम पर स्थानीय चुनाव लड़ना चाहते हैं। प्रत्येक कार्यकर्ता को स्थानीय स्तर पर संघर्ष करना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए ताकत झोंकने की जरूरत है। हम पिछले १० साल से ठाणे मनपा में बीजेपी का मेयर बनाने के लिए आवाज उठा रहे हैं। हम पहले घोषणा करते थे कि अगले नंबर पर अटल बिहारी हैं। उस समय लोगों को लगा कि यह सिर्फ एक घोषणा है, लेकिन उन्होंने बताया कि एक दिन अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने।
घाती को गढ़ बचाने की चुनौती
ठाणे नगर निगम का पिछला चुनाव २०१७ में हुआ था। १३१ वॉर्ड वाले ठाणे में शिवसेना ने ६७ सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी २३ सीटों तक पहुंच गई। २०१२ के चुनावों की तुलना में सेना ने १३ सीटें अधिक जीतीं और भाजपा ने १६ सीटें अधिक जीतीं। शिवसेना से गद्दारी के बाद ६७ में से ६६ पूर्व नगरसेवक शिंदे के साथ चले गए तो शिंदे के साथ ठाणे शिवसेना की एक तस्वीर है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी शिवसेना का प्रदर्शन अच्छा रहा है। अब शिंदे के सामने मनपा को बचाए रखने की चुनौती है।

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