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कैबिनेट मंत्रियों को समझाएं सीएम अपने जवाब तैयारी करके दें! … आदित्य ठाकरे की सलाह

सामना संवाददाता / मुंबई
महाविकास आघाडी के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद आदित्य ठाकरे ने मीडिया से बातचीत की। राज्यपाल के तुरंत मुलाकात करने पर उन्होंने आभार व्यक्त करते हुए विधानमंडल में हो रहे पक्षपातपूर्ण कामकाज पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि पहले कभी भी सदन का कामकाज इस तरह से नहीं चलता था। विधानसभा और विधान परिषद का सरकार और उसके लोग अपमान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विधानसभा में विपक्ष कई बार जनहित के मुद्दे उठाने की कोशिश करता है। उस दौरान अबू आजमी, औरंगजेब या कोई और हो, सत्तारूढ़ पक्ष ही कामकाज को ठप कर देता है। सदन में चर्चा के दौरान मंत्री नहीं होते, सचिव नहीं होते। राज्यपाल को मुख्यमंत्री को बुलाकर इस संबंध में निर्देश देना चाहिए। इस तरह की मांग हमने राज्यपाल से की है। साथ ही आदित्य ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री को भी सभी मंत्रियों को यह समझाना चाहिए कि वे अपने जवाब खुद अच्छी तरह से तैयारी करके दें।
विरोधी पक्ष के नेता से संबंधित एक सवाल के जवाब में आदित्य ठाकरे ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के चयन के संदर्भ में विधानसभा अध्यक्ष से अभी जवाब आना बाकी है। लोकतंत्र में प्रथा और परंपरा का पालन करते हुए विरोधी पक्ष के नेता का पद दिया जाएगा, ऐसी अपेक्षा है।
न्यायालय में ही बोलूंगा
दिशा सालियन मामले के संदर्भ में भी मीडिया ने आदित्य ठाकरे से सवाल किया। इस पर उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों से इस मामले को लेकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि न्यायालय में याचिका दायर होने के कारण वे इस बारे में न्यायालय में ही बोलेंगे। चालू सत्र में विरोधी पक्ष के विधायकों ने सरकार को नंगा किया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी कहा कि औरंगजेब की कब्र का मुद्दा गलत था तो क्या अब भाजपा के लोग संबंधित मंत्री पर कार्रवाई की मांग करेंगे? इस तरह का सवाल आदित्य ठाकरे ने उठाया। राज्य में बढ़ती अपराधिक घटनाएं हों या किसानों की आत्महत्याएं, इन सभी मुद्दों पर विरोधियों ने सरकार को एक्सपोज किया है। महाझूठी सरकार को हिंदुत्व के मुद्दे पर भी हमने उजागर किया है। उन्होंने कहा कि अब सदन को बंद करने के लिए सत्ताधारियों के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है इसलिए वे दूसरे मुद्दों की ओर मुड़ गए हैं। यह बात आदित्य ठाकरे ने कही।

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