– मनपा के कचरा प्रबंधन की लापरवाही हुई उजागर
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा की कचरा प्रबंधन में लापरवाही एक बार फिर चर्चा में है। हाल ही में मुलुंड इलाके में एक भारतीय चश्माधारी कोबरा प्लास्टिक बोतल के टैंपर बैंड में फंस गया, जिससे उसकी गर्दन और सिर पर गंभीर चोटें आर्इं। यह स्थिति पूरे तीन हफ्ते तक बनी रही, जिससे उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और वह धीरे-धीरे कमजोर हो रहा था। वन्यजीव प्रेमियों ने इसे कचरा प्रबंधन की बड़ी नाकामी बताया है।
ठाणे के मानद वन्यजीव संरक्षक और एनजीओ रॉ के अनुसार, जब टीम ने कोबरा को बचाया, तो पाया कि प्लास्टिक बैंड ने उसकी गर्दन बुरी तरह से जकड़ रखी थी। लंबे समय तक बैंड में फंसे रहने के कारण उसके सिर और फन पर गहरे जख्म हो गए थे। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर कोबरा को समय पर नहीं बचाया जाता, तो ऑक्सीजन की कमी के कारण उसकी मौत हो सकती थी।
मनपा ने कहा- नियमित होती है सफाई
वहीं मनपा ने सफाई देते हुए कहा कि, शहर में कचरा प्रबंधन के लिए नियमित सफाई अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि मुंबई के कई इलाकों में प्लास्टिक कचरे के ढेर लगे रहते हैं, जिससे न केवल पर्यावरण बल्कि वन्यजीवों की सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है।
सड़कों, नालों व जंगलों में जमा होती है प्लास्टिक
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि मनपा की अनदेखी के कारण सड़कों, नालों और जंगलों में प्लास्टिक जमा हो जाता है, जिससे वन्यजीव अक्सर इसमें फंस जाते हैं। पर्यावरणविदों का कहना है कि अगर मनपा ठोस कदम उठाए और कचरा निस्तारण को प्रभावी बनाए तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।