श्रेय लेने की चल रही है लड़ाई
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में एक बार फिर महायुति सरकार को सत्ता में आए चार महीने हो चुके हैं। हालांकि, तस्वीर ये है कि पिछले चार महीनों में महायुति सरकार द्वारा लिए गए कई अहम पैâसलों की वजह से सरकार को यू-टर्न लेना पड़ा। इसमें दिख रहा है कि महायुति में श्रेय की लड़ाई चल रही है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ। इस हमले में २६ पर्यटकों की मौत हो गई, इस हमले में महाराष्ट्र के छह पर्यटकों की मौत हो गई। महाराष्ट्र के कई पर्यटक जम्मू-कश्मीर में फंस गए थे। सरकार ने उन्हें महाराष्ट्र लौटने में मदद की। हालांकि, इस मदद में बीजेपी ने अलग योजना के साथ मदद की, जबकि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अलग तरीके से मदद की। इसी वजह से महायुति में श्रेय की लड़ाई देखने को मिल रही है।
इतना ही नहीं, बीजेपी और शिंदे गुट के बीच मतभेद भी उजागर हो गए। इसमें पिछले कुछ दिनों से हिंदी भाषा को अनिवार्य करने के फैसले को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बवाल देखने को मिला। हिंदी भाषा को अनिवार्य करने के मुद्दे पर भाजपा और विपक्ष बीच काफी गरमागरम राजनीति देखने को मिली है। इतना ही नहीं सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों समेत हर तरफ से इसका कड़ा विरोध हुआ है। इसके बाद आखिरकार महायुति सरकार ने महाराष्ट्र राज्य बोर्ड के मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा १ से ५ तक हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने का पैâसला वापस ले लिया। महायुति को आगामी मनपा चुनावों में झटका लग सकता है। दरअसल, यह पहली बार नहीं है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने अचानक कुछ पैâसले बदले हों या पहले कोई फैसला लिया हो और फिर उस पर ‘यू-टर्न’ लिया हो। ऐसा पहले भी कई बार देखा जा चुका है। पिछले साल दिसंबर में देवेंद्र फडणवीस के सत्ता में आने के बाद से सरकार ने पिछले चार महीनों में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के कई फैसलों को स्थगित किया है या उन पैâसलों में कुछ बदलाव किए हैं। अब इनमें से ज्यादातर फैसले एकनाथ शिंदे की शिवसेना के मंत्रियों के विभागों से जुड़े हैं।
परिवहन- अब पहला बड़ा बदलाव महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा १,७०० करोड़ रुपए के घोटाले के आरोपों के मद्देनजर १,३१० बसों को पट्टे पर देने के पैâसले को स्थगित करने का है। यह पैâसला फरवरी में लिया गया था।
शिक्षा- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुआई वाली सरकार ने एकनाथ शिंदे सरकार के ‘एक राज्य, एक वर्दी’ पैâसले को खारिज कर दिया। साथ ही स्कूल यूनिफॉर्म तय करने का अधिकार स्कूल प्रबंधन समितियों को दे दिया। ‘एक राज्य, एक वर्दी’ योजना को ठंडे बस्ते में डालने के कारण इस पर काफी चर्चा हुई थी।
स्वास्थ्य- एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली सरकार के दौरान, सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के मशीनीकरण के लिए ३,२०० करोड़ रुपए के पांच साल के टेंडर को रोक दिया था। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि सफाई के नाम पर सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में घोटाला हुआ है। उक्त सभी विभाग शिंदे गुट के मंत्रियों के पास है। इसके अलावा शिंदे के कई अन्य पैâसलों मुख्यमंत्री ने रोक दिया है।