सामना संवाददाता / मुंबई
गणेशोत्सव के आखिरी दिन अनंत चतुर्दशी में ‘गणपति बाप्पा मोरया, अगले बरस तू-जल्दी आ’ के जयकारों से पूरा मुंबई गूंज उठा। बाप्पा को आखिरी विदाई देने के लिए हर गली-मोहल्लों और सड़कों पर भक्तों की भारी भीड़ बाप्पा की भक्ति में रंगी हुई थी। गणेश भगवान की बड़ी-बड़ी प्रतिमाओं को भक्त बैंड-बाजे, ढोल-नगाड़ों की थाप पर सतरंगी आसमां के नीचे नाचते-गाते हुए शानदार विदाई दे रहे थे।
मायानगरी में जैसी धूम गणेश उत्सव की होती है, वैसी किसी और त्योहार की नहीं होती। गणेश विसर्जन के इस मौके को आसमान में निकले इंद्रधनुष ने और खास बना दिया था। गणेश विसर्जन की यात्रा में शामिल हर भक्त भावुक नजर आया। मुंबई की सबसे प्रसिद्ध गणेश प्रतिमा लालबाग का राजा के साथ ही मुंबई में सार्वजनिक और घरेलू समेत कुल ३७,२०८ गणेश प्रतिमाओं को विसर्जित किया गया।
सात सितंबर से शुरू हुआ ‘गणेशोत्सव’ कल ‘अनंत चतुर्दशी’ के साथ समाप्त हुआ, जिसके लिए मुंबई पुलिस की तरफ से खास तैयारियां की गई थीं। कल तक मुंबई में ६,०८९ सार्वजनिक, ३०,९१४ घरेलू और २०५ गौरी का विसर्जन किया गया। इसमें से कृत्रिम तालाबों में ५९९ सार्वजनिक, १०,७७८ घरेलू और ४२ गौरी की प्रतिमाओं का विसर्जन भक्तों ने किया। मुंबई मनपा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मुंबई में बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ।
२४ घंटों में १६ भक्तों की मौत
अनंत चतुदर्शी के दिन छत्रपति संभाजीनगर, धुले, नासिक, विरार, अमरावती, जलगांव, अकोला, नगर समेत कई जगहों पर बड़े हादसे भी हुए। पिछले २४ घंटों में हुए विभिन्न हादसों में १६ भक्तों की मौत हो गई है। इसमें विसर्जन करते समय धुले में दो सगे भाइयों के डूबने से जान चली गई है। इसी तरह शोभायात्रा के दौरान ट्रैक्टर के पहिए के नीचे आने से तीन बच्चों की मौत हो गई।