मुख्यपृष्ठनए समाचारप्राकृतिक सौंदर्य पर व्यावसायिक हमला ...‘मुंबई आई’ की जगह एलईडी बॉल!

प्राकृतिक सौंदर्य पर व्यावसायिक हमला …‘मुंबई आई’ की जगह एलईडी बॉल!

– बांद्रा रिक्लेमेशन पर एमएसआरडीसी के ‘भविष्य’ की योजना या पर्यावरण नियमों की अनदेखी
– स्थानीय नागरिकों का फूटा गुस्सा
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई को ‘भविष्य के शहर’ का दर्जा देने के नाम पर महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) ने बांद्रा रिक्लेमेशन प्रोमेनेड पर एक विशाल एलईडी गोलार्द्ध स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। जहां यह परियोजना मुंबई की स्काईलाइन को नई पहचान देने का दावा कर रही है, वहीं स्थानीय नागरिकों में इसके खिलाफ गुस्सा भड़क उठा है। बांद्रा-वर्ली सी-लिंक के पास इस एलईडी गोलार्द्ध को लगाने का उद्देश्य ‘मुंबई का प्रतीक’ बनाना बताया जा रहा है, लेकिन स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह कदम पर्यावरण और उनकी शांति का उल्लंघन है।
एमएसआरडीसी के दस्तावेजों के अनुसार, ५० फीट व्यास का यह एलईडी गोलार्द्ध तीन तरफ ४र्०े४० फीट की एलईडी स्क्रीन के साथ एक ऊंचे प्लेटफॉर्म पर लगेगा। इसके चारों ओर एक वर्टिकल गार्डन बनाया जाएगा, जिसमें ड्रिप इरिगेशन, सोलर पैनल और एटमॉस्फेरिक वाटर जेनरेशन जैसी तकनीकों का उपयोग होगा। एलईडी स्क्रीन पर विज्ञापन, आपदा प्रबंधन और जन जागरूकता संदेश दिखाने की योजना है, जिससे व्यावसायिक उपयोग के आरोप और गहराते जा रहे हैं।
बांद्रा रिक्लेमेशन एरिया वॉलंटियर्स एसोसिएशन (ब्रावो) की अध्यक्ष विद्या वैद्य ने कड़े शब्दों में एमएसआरडीसी की इस परियोजना की आलोचना की। ‘पर्यावरण मंत्रालय ने १९९९ में बांद्रा-वर्ली सी-लिंक परियोजना को मंजूरी देते समय स्पष्ट निर्देश दिया था।

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