सामना संवाददाता / मुंबई
चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करनेवाले कार्य नहीं किए जा सकते, लेकिन देश में सात चरणों में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के कई नेताओं ने कई बार आचार संहिता का उल्लंघन किया। इसके खिलाफ की गई शिकायतों को चुनाव आयोग ने कचरे की पेटी में डाल दिया। लेकिन शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में हुए मतदान की धीमी गति को लेकर सवाल उठाया तो केंद्रीय चुनाव आयोग एक्टिव हो गया। चुनाव आयुक्त ने राज्य चुनाव आयोग को शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में मुंबई की छह सीटों पर मतदान हुआ। ऐसी शिकायतें थी कि कुछ जगहों पर ईवीएम मशीनें बंद थीं और कुछ जगहों पर मतदान धीमी गति से चल रहा था, जिसे लेकर शिवसेनापक्षप्रमुख
उद्धव ठाकरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुछ सवाल उठाए और बताया कि जिन जगहों पर शिवसैनिक बड़ी संख्या में मतदान कर रहे हैं, वहां धीमी गति से वोटिंग हो रही है। इस पर आपत्ति जताते हुए भाजपा नेता आशीष शेलार ने चुनाव आयोग में आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत दर्ज कराई है। चुनाव के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य चुनाव आयोग को उद्धव ठाकरे के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
क्या है नियम…
चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक, मतदान से ४८ घंटे पहले प्रचार खत्म हो जाता है। कोई भी उस समय प्रचार नहीं कर सकता है। प्रचार समाप्त होने से लेकर मतदान समाप्त होने के एक घंटे बाद तक कोई प्रचार नहीं कर सकता है। यदि प्रतिक्रिया दी भी गई तो वह मतदाताओं से मतदान में भाग लेने की अपील ही हो सकती है। किसी पार्टी, पक्ष, व्यक्ति व संस्था पर आरोप नहीं लगाया जा सकता है। उद्धव ठाकरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुछ सवाल उठाए और बताया कि जिन जगहों पर शिवसैनिक बड़ी संख्या में मतदान कर रहे हैं, वहां धीमी गति से वोटिंग हो रही है। इस पर आपत्ति जताते हुए भाजपा नेता आशीष शेलार ने चुनाव आयोग में आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत दर्ज कराई है। चुनाव के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य चुनाव आयोग को उद्धव ठाकरे के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है।