सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबादेवी मंदिर शहर के धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां के स्थानीय निवासी एवं दुकानदार लगभग पिछले २०० वर्षों से व्यवसाय कर रहे हैं, लेकिन ईडी सरकार यहां के ज्वेलरी बाजार को हटाकर कॉरिडोर बनाने की तैयारी में है और इसका ठेका वह अपने प्रिय या चहेते ठेकेदारों को देने वाली है। इसी सिलसिले में शिवसेना नेता (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने मनपा आयुक्त भूषण गगरानी से मुलाकात कर इस परियोजना का विरोध किया है।
आदित्य ठाकरे ने चेतावनी दी है कि मुंबादेवी के निवासियों एवं दुकानदारों ने इस कॉरिडोर का कड़ा विरोध किया है और सरकार अपने ठेकेदारों को यह जिम्मा देकर स्थानीय लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ न करे। मनपा आयुक्त भूषण गगरानी से मुलाकात के दौरान आदित्य ठाकरे ने मुंबादेवी मंदिर परिसर की विकास परियोजना और अन्य परियोजनाओं को अडानी के कारण मुंबईकरों पर न थोपने और सड़क का काम देने से पहले सड़कों का ऑडिट कराने की मांग पर विस्तृत चर्चा की। आदित्य ठाकरे ने बताया कि दुकानों को हटाए बिना मंदिर क्षेत्र का विकास हो सकता है, जिससे स्थानीय लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। मुंबा देवी के दर्शन के लिए प्रतिदिन आने वाले हजारों भक्तों के लिए विभिन्न सुविधाएं बनाने की भी मांग की।
क्या है मुंबा देवी कॉरिडोर?
मुंबादेवी मंदिर के पीछे १७ मंजिल की पार्विंâग बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा। यह काम ईडी सरकार के एक ठेकेदार को दिया गया है। इस विकास के दौरान स्थानीय आभूषण बाजारों की दुकानें शामिल की जाएंगी। मंदिर ट्रस्ट, स्थानीय लोगों और दुकानदारों ने इसका कड़ा विरोध जताया है।
अडानी टैक्स का हमेशा विरोध किया जाएगा!
देवनार डंपिंग ग्राउंड पर कब्जा करके इस जमीन की साफ-सफाई पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यह कीमत मुंबईकरों की जेब से ली जाएगी और इसके लिए अडानी टैक्स मुंबईकरों पर लगाया जा रहा है। हम टैक्स का हमेशा विरोध करेंगे। आदित्य ठाकरे ने चेतावनी दी कि अगर यह टैक्स रद्द नहीं किया गया तो तीव्र आंदोलन किया जाएगा।
छोटे व्यापारियों को किया जा रहा है परेशान
छोटे व्यापारी जो अपने क्षेत्र से लघु व्यवसाय करते हैं, ऐसे दुकानदारों पर संपत्ति कर लगाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है। मुंबई से झुग्गी-झोपड़ी के दुकानदारों को बेदखल करने के लिए उनके नाम पर संपत्ति कर लगाया जाएगा। आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह अडानी और डेवलपर्स के फायदे के लिए है और वह इसका कड़ा विरोध करते हैं। आदित्य ठाकरे के मुताबिक, मनपा आयुक्त सभी मांगों को लेकर सकारात्मक हैं। इस अवसर पर शिवसेना दक्षिण मुंबई विभागप्रमुख संतोष शिंदे, मुंबा देवी मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी, शिवसेना और युवासेना के पदाधिकारी उपस्थित थे।
गणेश मूर्ति विसर्जन को लेकर सरकार पर उठाए सवाल
माघी गणेशोत्सव के अवसर पर कई स्थानों पर गणेश मूर्तियों की स्थापना की गई थी, लेकिन पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) से बनी होने के कारण इन मूर्तियों का विसर्जन नहीं किया जा सका। आदित्य ठाकरे ने सरकार पर सवाल उठाया है कि आखिर इसके लिए सरकार कोई वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं बना सकती? आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि गणपति बाप्पा के विसर्जन को रोकने के लिए जिस तरह से आदेश जारी किए जाते हैं, वैसे ही आदेश राजनीतिक होर्डिंग्स को रोकने को लेकर भी हैं! तो फिर वे आदेश क्यों लागू नहीं हो पाते हैं? क्या ये आदेश सत्ताधारी नेताओं पर लागू नहीं होते? इसके साथ ही उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि सरकार मंडलों की बैठक बुलाकर उनकी मदद क्यों नहीं कर सकती? क्यों कोई समाधान नहीं निकाल सकती? उन्होंने व्यंग कसते हुए कहा कि इनकी विचारधारा सिर्फ एक है कि हमारी मराठी संस्कृति और हिंदुत्व की पहचान को मिटाकर अपनी राजनीतिक विचारधारा हम पर थोपना है।