सामना संवाददाता / ठाणे
ठाणे में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, घातियों द्वारा क्लस्टर पुनर्विकास परियोजना में भारी घोटाला किया गया है। क्लस्टर योजना पर कोपरी के दौलतनगर निवासियों के कड़े विरोध के बावजूद, परियोजना को डेवलपर और घाती गुट के मुख्यमंत्री के बेटे श्रीकांत शिंदे के ससुर और साले के गले में डाल दिया गया है। गंभीर बात यह है कि इमारत के निवासियों ने न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस साढ़े सात लाख वर्गफुट की इस पुनर्विकास परियोजना को बंद करने के लिए इमारत के निवासियों पर बहुत दबाव डाल रहे हैं और अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं।
बता दें कि क्लस्टर विकास में दौलतनगर कॉलोनी ठाणे के कोपरी-पूर्व में स्थित है। इस कॉलोनी में करीब १५ इमारतें हैं और २०० से ज्यादा परिवार रहते हैं। इनमें से कुछ इमारतें खतरनाक और जर्जर हैं, इसलिए निवासियों ने इमारत की पुनर्विकास परियोजना को शुरू किया था। तदनुसार, २०२२ में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, जो तत्कालीन शहरी विकास मंत्री थे, उन्होंने भवन के पुनर्विकास के लिए मंजूरी दे दी। जब यह एहसास हुआ कि इस परियोजना का वित्तीय कारोबार बहुत बड़ा है, तो अचानक पहिया घूम गया और इस पुनर्विकास परियोजना को निवासियों को सूचित किए बिना क्लस्टर योजना में धकेल दिया गया। इसके लिए निवासियों का आरोप है कि डेवलपर ने बिना किसी का विचार किए ही यह विश्वासघात किया है। फिर अचानक घाती मुख्यमंत्री के पुत्र सांसद श्रीकांत शिंदे के ससुर लक्ष्मण कदम और बहनोई विपुल कदम डेवलपर के साथ साझेदारी में इस परियोजना में शामिल हो गए। इस बारे में सोसायटी के निवासियों को पूरी तरह से अंधेरे में रखा गया। कदम कंपनी को डेवलपर के साथ साझेदारी में लेने के लिए कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है। निवासियों का आरोप है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सिस्टम पर दबाव बनाने के लिए मुख्यमंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया और इस परियोजना में सांसद श्रीकांत शिंदे के ससुर और साले की घुसपैठ कराई, ताकि इस परियोजना में करोड़ों रुपए का कारोबार हो सके और अपने करीबियों के पास जाना चाहिए। घातियों के खिलाफ निवासियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि कदम कंपनी को इस प्रोजेक्ट में प्रवेश की अनुमति न दी जाए।
दौलतनगर के निवासियों ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दबाव की रणनीति अपना रहे हैं और इससे पहले बिल्डिंग के एक सदस्य पर हमले की घटना भी हो चुकी है। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि एकनाथ शिंदे अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और पुनर्विकास योजना को क्लस्टर विकास में बदलने के लिए सदस्यों पर दबाव डाल रहे हैं।