सामना संवाददाता / मुंबई
मनपा स्कूलों में सामग्री खरीदने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। मनपा स्कूल में बच्चों को मुफ्त स्कूल सामग्री वितरित की जा रही है, लेकिन इन सामग्री में छाता शामिल नहीं है। मानसून के मौसम में भी मनपा छात्रों को छाता देने में असफल रही है। इसकी वजह है कि मनपा को छाता प्रदान करनेवाले ठेकेदार ही नहीं मिल रहे हैं। मनपा ने टेंडर में छाता के लिए ५६० रुपए प्रति की दर निर्धारित किया था, लेकिन उसके इस दर को किसी भी ठेकेदार ने रिस्पॉन्स नहीं किया है। इतने रुपए में भी ठेकेदारों ने मनपा को छाता देने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। पिछली बार की तरह इस वर्ष भी छात्रों को अपने पैसे छाता खरीदकर स्कूल जाना होगा। हालांकि, मनपा ने छाता की कीमत सीधे छात्रों के खाते में ट्रांसफर करेगी।
बता दें कि मनपा की ओर से पहली से ७ वीं तक के छात्रों को रेनकोट वितरित किया जाता है और आठवीं से दसवीं तक के छात्रों को छाता दिया जाता है, लेकिन इस वर्ष इन छात्रों को छाता नहीं मिल पाएगा।इस साल भी स्कूली बच्चों को असली छाते की जगह छाते का पैसा ही दिया जाएगा। पिछले साल, छाता खरीद प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं होने के कारण बच्चों को पैसे दिए गए थे, लेकिन इस साल प्रक्रिया समय पर पूरी होने के बावजूद कोई भी ठेकेदार इसके लिए आगे नहीं आया।
कोई कंपनी ने नहीं दिखाई रुचि
मनपा ने प्रति छाता ५६० रुपए का रेट आंका था, लेकिन कोई भी कंपनी इसके लिए आगे नहीं आई। हालांकि, शिक्षा विभाग ने इसके लिए ऐसी दर का अनुमान लगाया था, लेकिन ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग के लिए छाते कम दर पर उपलब्ध होने के कारण केंद्रीय खरीद विभाग ने दर कम कर दी। इसके बाद मनपा ने इसके लिए रेट बढ़ाने का पैâसला किया, लेकिन चूंकि इस दौरान छाते उपलब्ध कराना संभव नहीं था।