सतेज पाटील ने दी आंदोलन की चेतावनी
सामना संवाददाता / मुंबई
शक्तिपीठ महामार्ग से किसानों, पर्यावरण, करदाताओं और आम जनता सभी का नुकसान होगा। वैकल्पिक महामार्ग होने के बावजूद उसकी चौड़ाई और गुणवत्ता सुधारने की जरूरत है, लेकिन केवल ठेकेदारों के फायदे के लिए मुख्यमंत्री फडणवीस इस महामार्ग को जबरन थोपने का प्रयास कर रहे हैं इसलिए अब किसानों ने राज्य में एकजुटता बनाकर आमने-सामने की लड़ाई लड़ने का फैसला किया है। इसके लिए राजर्षि शाहूजी महाराज की धरती पर राज्यव्यापी बैठक कर वहां से आंदोलन का बिगुल बजाया जाएगा। इस तरह की चेतावनी विधान परिषद में कांग्रेस के गुटनेता सतेज पाटील और संघर्ष समिति के समन्वयक गिरीश फोंडे ने दी।
उल्लेखनीय है कि महायुति सरकार ने शपथ ग्रहण करने के बाद सौ दिनों के कार्यक्रम के लक्ष्यों में शक्तिपीठ महामार्ग को शामिल किया है। इसके चलते किसान अपने आंदोलन की तीव्रता बढ़ाने की तैयारी में हैं। आंदोलन की अगली दिशा तय करने के लिए महामार्ग से प्रभावित १२ जिलों के किसानों की राज्यव्यापी बैठक गुरुवार सुबह ११ बजे कोल्हापुर के राजर्षि शाहू स्मारक भवन में होगी। इस तरह की जानकारी विधान परिषद में गुटनेता सतेज पाटील और संघर्ष समिति के समन्वयक गिरीश फोंडे ने दी। उन्होंने कहा कि दिसंबर में शपथ लेने के बाद महायुति सरकार गोवा से नागपुर शक्तिपीठ महामार्ग बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार बैठी है। सरकार ऐसी खबरें पैâला रही है कि विभिन्न योजनाएं तैयार की गई हैं, लेकिन कोई आधिकारिक पेपर, सर्वुâलर या नोटिफिकेशन सरकार की ओर से जारी नहीं हो रहा है। यह महामार्ग बनाने के लिए वह झूठे प्रचार का भी सहारा ले रही है। सतेज पाटील ने कहा कि वास्तव में इस विरोध में १२ में से १० जिलों के किसान फरवरी २०२४ से आंदोलन कर रहे हैं। इससे पहले दस जिलों के किसानों ने २४ जनवरी को राज्यव्यापी धरना प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस गृहमंत्री भी हैं। उन्हें उनकी इंटेलिजेंस और पुलिस यह सारी जानकारी देती है। फिर भी तथ्यों को तोड़-मरोड़कर यह कहा जा रहा है कि शक्तिपीठ महामार्ग को सभी विधायकों का समर्थन प्राप्त है। ऐसा बयान मुख्यमंत्री फडणवीस ने दूसरी बार नांदेड में दिया। वास्तव में विधायकों का समर्थन होना सही नहीं है।